चीन को लगेगा 'करेंट'! दोस्ती की नई मिसाल लिखने जापान पहुंचे PM मोदी, इन 3 बातों पर टिकी है दुनिया की नज़र
जब भी भारत और जापान के नेता मिलते हैं, तो यह सिर्फ दो देशों की मुलाकात नहीं होती, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति में इसकी हलचल महसूस होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के एक बेहद खास दौरे पर जापान पहुंच चुके हैं, जहाँ वह जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात करेंगे।
आज के समय में दुनिया के जो हालात हैं, उसे देखते हुए यह दौरा बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण और खास हो गया है। चलिए, आसान शब्दों में समझते हैं कि यह दौरा इतना अहम क्यों है और इसके पीछे के असली एजेंडे क्या हैं।
क्यों है यह मुलाक़ात इतनी ज़रूरी?
- चीन को मिलेगा सीधा संदेश: भारत उत्तर में चीन की हरकतों से परेशान है, तो जापान दक्षिण में चीन के साथ समंदर को लेकर विवाद में उलझा हुआ है। दोनों ही देश चीन की विस्तारवादी नीति से तंग हैं। ऐसे में जब भारत और जापान के प्रधानमंत्री हाथ मिलाएंगे, तो यह चीन के लिए एक सीधा और साफ संदेश होगा कि अब दादागिरी नहीं चलेगी और इस इलाके में भारत और जापान एक दूसरे के साथ मजबूती से खड़े हैं।
- टेक्नोलॉजी और बुलेट ट्रेन की रफ़्तार: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट जापान की मदद से ही चल रहा है। इस बैठक में इस काम की रफ़्तार बढ़ाने पर बात होगी। साथ ही, भविष्य में सेमीकंडक्टर (चिप बनाने), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और 5G जैसी नई टेक्नोलॉजी में दोनों देशों का साथ और भी मज़बूत करने पर ज़ोर दिया जाएगा।
- व्यापार और निवेश: जापान भारत में पैसा लगाने वाले सबसे बड़े देशों में से एक है। इस दौरे का एक बड़ा मकसद भारत में और ज़्यादा जापानी इन्वेस्टमेंट लाना और दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाना है। 'मेक इन इंडिया' के लिए यह दौरा बहुत अहम साबित हो सकता है।
यह मुलाक़ात सिर्फ दो दोस्तों की मीटिंग नहीं, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की एक मज़बूत कोशिश भी है।
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