China-Pakistan Relations : CPEC पर चीन ने पाकिस्तान को दिया झटका, कर्जे के लिए गिड़गिड़ा रहे शहबाज
News India Live, Digital Desk: China-Pakistan Relations : पहाड़ों से ऊंची और समंदर से गहरी दोस्ती" का दम भरने वाले चीन और पाकिस्तान के रिश्ते में अब खटास आती दिख रही है. जिस चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को पाकिस्तान अपनी तकदीर बदलने वाला प्रोजेक्ट बता रहा था, उसी को लेकर अब चीन ने ऐसे दांव चले हैं कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के होश उड़ गए हैं. आलम यह है कि पाकिस्तान अब नए कर्ज के लिए चीन के सामने गिड़गिड़ा रहा है, जबकि चीन अपने छिपे हुए एजेंडे पर काम कर रहा है.
दोस्ती की आड़ में चीन का बड़ा खेल
CPEC की शुरुआत बड़े जोर-शोर से हुई थी, लेकिन अब यह पाकिस्तान के लिए एक गले की फांस बनता जा रहा है. चीन ने इस प्रोजेक्ट की आड़ में पाकिस्तान को भारी-भरकम कर्ज के जाल में फंसा दिया है. अब जब पाकिस्तान इस कर्ज को चुकाने में हांफ रहा है, तो चीन ने अपनी असलियत दिखानी शुरू कर दी है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन अब CPEC के तहत किए गए निवेश पर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा वसूलना चाहता है. उसने पाकिस्तान पर ऐसी कड़ी शर्तें थोपनी शुरू कर दी हैं, जिन्हें पूरा करना शहबाज सरकार के लिए नामुमकिन सा हो गया है. चीन अब कह रहा है कि या तो पाकिस्तान उसके कर्ज और मुनाफे की गारंटी दे, या फिर CPEC प्रोजेक्ट्स का कंट्रोल सीधे चीनी कंपनियों को सौंप दे. यह सीधे तौर पर पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला है.
कर्ज के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान
पाकिस्तान की आर्थिक हालत किसी से छिपी नहीं है. देश लगभग दिवालिया होने की कगार पर है. ऐसे में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर चीन से नए कर्ज की गुहार लगा रहे हैं ताकि पुराने कर्ज की किश्तें चुकाई जा सकें. लेकिन इस बार चीन आसानी से मानने को तैयार नहीं है. उसने साफ कर दिया है कि नया पैसा तभी मिलेगा जब पाकिस्तान CPEC से जुड़े चीनी नागरिकों और संपत्तियों की सुरक्षा की पुख्ता गारंटी देगा. बलूचिस्तान और अन्य इलाकों में चीनी नागरिकों पर हो रहे लगातार हमलों ने चीन का धैर्य खत्म कर दिया है.
क्या है चीन का छिपा हुआ इरादा?
जानकारों का मानना है कि यह सब चीन की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. वह पाकिस्तान की मजबूरी का फायदा उठाकर ग्वादर पोर्ट समेत CPEC के महत्वपूर्ण हिस्सों पर पूरी तरह से अपना कब्जा जमाना चाहता है. वह चाहता है कि पाकिस्तान आर्थिक और रणनीतिक रूप से उस पर इतना निर्भर हो जाए कि वह कभी उसके चंगुल से निकल ही न पाए.
कभी दोस्ती की मिसालें देने वाला चीन आज पाकिस्तान के लिए एक ऐसा दोस्त बन गया है जो उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर उसकी संपत्ति पर नजर गड़ाए हुए है. शहबाज शरीफ सरकार के लिए यह एक मुश्किल घड़ी है, जहां एक तरफ देश की खस्ता हालत है और दूसरी तरफ दोस्त के भेष में एक ऐसा "ड्रैगन" है जो सब कुछ निगल जाने को तैयार बैठा है.
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