Chhattisgarh Government : कोयला खनन की मंजूरी पर बवाल विकास बनाम पर्यावरण की नई बहस

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Newsindia live,Digital Desk: छत्तीसगढ़ सरकार ने हसदेव अरण्य जंगल में जमीन के डायवर्जन को मंजूरी दे दी है इस फैसले पर कांग्रेस कार्यकर्ता और विपक्षी दल भी विरोध कर रहे हैं इस कदम से क्षेत्र के पर्यावरण और आदिवासियों पर बड़ा असर पड़ेगा

हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण और सघन वन क्षेत्रों में से एक है यह अपनी जैव विविधता और दो नदियाँ मंड और हसदेव का जलग्रहण क्षेत्र होने के कारण जाना जाता है इस क्षेत्र में आदिवासी आबादी भी रहती है यह क्षेत्र विभिन्न लुप्तप्राय प्रजातियों का भी आवास है

सरकार का यह फैसला कोयला खनन परियोजनाओं के लिए है जिनमें मुख्य रूप से परसा ईस्ट कांता बासन पीईकेबी कोयला ब्लॉक शामिल हैं और इनका विस्तार किया जाएगा

विपक्षी दलों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का तर्क है कि इस तरह की मंजूरी से पारिस्थितिकीय संतुलन बिगड़ जाएगा और आदिवासी समुदाय विस्थापित होंगे कांग्रेस कार्यकर्ता जो अब सत्ता में हैं वे भी अपनी ही सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं

पिछली कांग्रेस सरकार ने भी इस क्षेत्र में कुछ परियोजनाओं को मंजूरी दी थी और उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री ने भी पर्यावरणीय संतुलन के साथ विकास का तर्क दिया था भारतीय जनता पार्टी जो अब सत्ता में है पहले इन फैसलों का विरोध करती थी लेकिन अब उसने इसे आगे बढ़ाया है

सरकार का कहना है कि यह फैसला राज्य के विकास के लिए जरूरी है और वे पर्यावरण तथा विकास के बीच संतुलन बनाने का प्रयास कर रहे हैं हालांकि यह कदम निश्चित रूप से राज्य में राजनीतिक और सामाजिक बहस को तेज करेगा और पर्यावरण संरक्षण व विकास की बहस को नए सिरे से परिभाषित करेगा

 

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