Chhattisgarh : मुंगेली में खूनी तंत्र मंत्र का काला खेल 7 साल की मासूम की बलि चढ़ाई

Post

News India Live, Digital Desk: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से एक बेहद ही हृदय विदारक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। धन-संपत्ति की लालसा में इंसान कितना गिर सकता है, इसकी कल्पना भी मुश्किल है। यहाँ के सेमराडीह गाँव में महज सात साल की एक बच्ची को कथित तौर पर धन लाभ की आस में बलि चढ़ा दिया गया। इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाले कोई और नहीं, बल्कि बच्ची के अपने ही चाचा और चाची हैं।

सात वर्षीय मासूम दुर्गा गोंड, जो विजय गोंड की बेटी थी, उसे पहले अपहरण किया गया और फिर खेतों में ले जाकर गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया गया। इतना ही नहीं, शव को फिर बोरवेल में फेंक दिया गया ताकि किसी को शक न हो। पुलिस जाँच में सामने आया है कि हत्या से पहले बच्ची का खून निकालकर तांत्रिक क्रिया के लिए इस्तेमाल किया गया था।

इस जघन्य अपराध की जड़ में धनवान बनने की अंधी चाहत और एक तांत्रिक का अंधविश्वास भरा झांसा था। पुलिस के अनुसार, बच्ची के चाचा अशोक गोंड और उसकी पत्नी रेशमी गोंड ने यह कदम पैसे कमाने के लिए उठाया था। उन्हें उनके मौसा ससुर जगमोहन गोंड नाम के एक तांत्रिक ने बहकाया था, जिसने उन्हें यह बताया था कि यदि वे एक नर बलि देंगे तो उन्हें अपार धन की प्राप्ति होगी। यह जानकारी मिली है कि जगमोहन गोंड का यह तीसरा मामला था जब उसने धन-प्राप्ति के लिए बलि का सुझाव दिया था, और वह पहले भी ऐसे कृत्य करने का प्रयास कर चुका था।

यह भयानक घटना तब उजागर हुई जब बच्ची के लापता होने की शिकायत दर्ज की गई और पुलिस ने गहन छानबीन शुरू की। मुंगेली पुलिस अधीक्षक नीलम कारु और नगर पुलिस अधीक्षक एम. ए. बेग की टीम ने इस मामले को गंभीरता से लिया। शुरुआती जांच में रिश्तेदारों पर संदेह गहराया और कठोर पूछताछ के बाद आखिरकार पूरा सच सामने आ गया, जिससे हर कोई सन्न रह गया।

पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीनों आरोपियों - चाचा अशोक गोंड, चाची रेशमी गोंड और तांत्रिक जगमोहन गोंड को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना समाज में व्याप्त अंधविश्वास और लालच के घातक परिणामों की एक भयानक मिसाल बन गई है, जो रिश्तों के सम्मान और मानवीय संवेदनाओं को शर्मसार करती है।

--Advertisement--