ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI अब आ रही है भारत, दिल्ली में खुलेगा पहला दफ्तर
जिस कंपनी ने चैटजीपीटी (ChatGPT) बनाकर पूरी दुनिया में टेक्नोलॉजी की लहर पैदा कर दी, वो अब भारत में अपना पहला ठिकाना बनाने जा रही है। जी हाँ, सैम ऑल्टमैन की कंपनी ओपनएआई (OpenAI) ने ऐलान किया है कि वह जल्द ही नई दिल्ली में अपना पहला भारतीय दफ्तर खोलने जा रही है।यह ख़बर भारत के बढ़ते टेक्नोलॉजी बाज़ार और यहाँ के टैलेंट के लिए एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है।
भारत क्यों है OpenAI के लिए ख़ास?
अमेरिका के बाद, भारत चैटजीपीटी इस्तेमाल करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। पिछले सिर्फ़ एक साल में भारत में इसके यूज़र्स की संख्या चार गुना बढ़ गई है। दुनिया में सबसे ज़्यादा छात्र भी भारत में ही चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन आँकड़ों से साफ़ है कि भारत कंपनी के लिए कितना बड़ा और अहम बाज़ार है।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा, “भारत में AI को लेकर जैसा उत्साह और अवसर है, वह अविश्वसनीय है। भारत में ग्लोबल AI लीडर बनने की सारी क्षमताएँ हैं - यहाँ शानदार टेक टैलेंट है, वर्ल्ड-क्लास डेवलपर इकोसिस्टम है और सरकार का 'इंडियाएआई मिशन' के ज़रिए मज़बूत समर्थन भी है।”
क्या बदलेगा दफ्तर खुलने से?
- 'इंडियाएआई' मिशन को मिलेगी रफ़्तार: कंपनी ने कहा है कि भारत में दफ़्तर खोलना सरकार के 'इंडियाएआई मिशन' को समर्थन देने जैसा है। वे सरकार के साथ मिलकर "भारत के लिए, भारत के साथ" AI बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- भारतीयों के लिए बेहतर टूल्स:भारत में दफ़्तर होने से कंपनी यहाँ के छात्रों, डेवलपर्स, और पेशेवरों की ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझ पाएगी और उनके लिए ख़ास टूल्स तैयार कर सकेगी।
- नौकरियों के नए अवसर:ओपनएआई ने भारत में भर्तियाँ भी शुरू कर दी हैं। दफ़्तर खुलने से देश के टैलेंट को दुनिया की सबसे बड़ी AI कंपनी के साथ सीधे काम करने का मौक़ा मिलेगा।
- भारतीय भाषाओं पर ज़्यादा ध्यान:कंपनी ने यह भी कहा है कि उसने भारतीय भाषाओं में अपने AI मॉडल्स के प्रदर्शन को काफ़ी बेहतर किया है, जिसका फ़ायदा करोड़ों नए यूज़र्स को मिलेगा।
कंपनी इस महीने भारत में अपना पहला 'एजुकेशन समिट' भी आयोजित करेगी और इस साल के अंत तक एक 'डेवलपर डे' भी मनाया जाएगा, जिससे यहाँ के डेवलपर समुदाय को एक बड़ा मंच मिलेगा। यह क़दम भारत को सिर्फ़ AI का एक बड़ा बाज़ार ही नहीं, बल्कि AI बनाने और उसे दिशा देने वाला एक बड़ा केंद्र बनाने में भी मदद करेगा।
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