Central government gives Assurance: UPI पर नहीं लगेगा GST अफवाहों पर न दें ध्यान
News India Live, Digital Desk: Central government gives Assurance: वित्तीय लेनदेन में बढ़ती UPI की लोकप्रियता के बीच, ₹2000 से अधिक के लेनदेन पर GST लगाने की अफवाहों पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने विराम लगा दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है और ये अटकलें निराधार हैं। यह बयान देश में डिजिटल भुगतानों को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, "2,000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर जीएसटी लगाने की कोई योजना नहीं है।" उनका यह बयान उन रिपोर्टों और अफवाहों के बाद आया है, जिनमें दावा किया गया था कि सरकार डिजिटल भुगतान को विनियमित करने और राजस्व बढ़ाने के लिए बड़े यूपीआई लेनदेन पर कर लगा सकती है।
UPI भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति का एक प्रमुख स्तंभ बन गया है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, UPI लेनदेन की संख्या और मूल्य दोनों में लगातार वृद्धि हुई है, जो भारत की कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने की गति को दर्शाता है। UPI भुगतान आम लोगों से लेकर व्यापारियों तक के लिए सुविधाजनक और लागत प्रभावी विकल्प है।
मंत्री के इस स्पष्टीकरण से UPI उपयोगकर्ताओं और छोटे-बड़े व्यवसायों को बड़ी राहत मिली है, जो डिजिटल भुगतान पर अतिरिक्त कर के बारे में चिंतित थे। सरकार का यह रुख डिजिटल इंडिया पहल और वित्तीय समावेशन को मजबूत करने के अनुरूप है। इसका उद्देश्य लोगों को निर्बाध और लागत-मुक्त डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहित करना है, जो आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। यह कदम दर्शाता है कि सरकार UPI को एक सुलभ और व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले भुगतान माध्यम के रूप में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें कर के अनावश्यक बोझ से बचा जा रहा है।
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