Brain Health : अल्जाइमर से बचाव का राज आयुर्वेद की ये तीन जड़ी बूटियां करेंगी कमाल
Newsindia live,Digital Desk: Brain Health : मस्तिष्क स्वास्थ्य हमारी शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है खासकर जब हम वृद्धावस्था की ओर बढ़ते हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वृद्धावस्था के दौरान अक्सर लोगों को संज्ञानात्मक गिरावट अल्जाइमर और स्मृति से संबंधित अन्य समस्याएँ हो सकती हैं ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ हैं जो इन समस्याओं से बचाव और मस्तिष्क के कार्य को बनाए रखने में मदद करती हैं इन चमत्कारी जड़ी बूटियों को जानें और उनका सेवन कैसे करें यह भी पता चलेगा
एक ब्राह्मी
ब्राह्मी जिसे बाकोपा मोनिएरी के नाम से भी जाना जाता है एक प्राचीन जड़ी बूटी है जिसका उपयोग सदियों से आयुर्वेद में स्मृति और सीखने में सुधार के लिए किया जाता रहा है यह जड़ी बूटी एक शक्तिशाली न्यूरोप्रोटेक्टिव एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सिडेंट गुण रखती है
फायदे यह मस्तिष्क कोशिकाओं की सुरक्षा करने मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में सुधार करने और तनाव चिंता तथा अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करती है इसका उपयोग न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों जैसे अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया के प्रबंधन में भी किया जाता है
सेवन विधि आप इसे चूर्ण गोली या तरल अर्क के रूप में ले सकते हैं एक से दो चम्मच ब्राह्मी का चूर्ण रात को सोने से पहले दूध के साथ लेना फायदेमंद होता है
दो अश्वगंधा
अश्वगंधा जिसे विदानीया सोम्नीफेरा भी कहते हैं तनाव कम करने और शारीरिक तथा मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है यह एक अद्भुत अडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है
फायदे अश्वगंधा मस्तिष्क कोशिकाओं को तनाव और ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने में मदद करती है जिससे स्मृति और संज्ञानात्मक कार्यक्षमता में सुधार होता है यह चिंता को कम करने में भी प्रभावी है जो स्मृति समस्याओं का एक सामान्य कारण है यह शरीर में मानसिक रोगों से बचाता भी है और तनाव पर जीत पाने में मदद भी करता है
सेवन विधि आप अश्वगंधा के चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर रात को सोने से पहले पी सकते हैं एक से दो चम्मच चूर्ण का सेवन पर्याप्त माना जाता है
तीन गोटु कोला मंडुकपर्णी
गोटु कोला या मंडुकपर्णी वैज्ञानिक रूप से सेंटेला असिएटिका के रूप में जानी जाती है यह एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका उपयोग परंपरागत रूप से स्मृति में सुधार और संज्ञानात्मक कार्यों को बढ़ाने के लिए किया जाता है
फायदे यह मस्तिष्क में रक्त संचार में सुधार करने और तंत्रिका वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करती है जो न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण रखती है इसका नियमित सेवन मानसिक सतर्कता फोकस और तनाव सहने की क्षमता को बढ़ाता है
सेवन विधि गोटु कोला का अर्क चूर्ण या चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है इसे भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ लेना सबसे प्रभावी होता है एक चम्मच चूर्ण पर्याप्त होगा
मस्तिष्क स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमेशा हमारे प्राथमिकता पर होना चाहिए खासकर जब हम बुढ़ापे की ओर बढ़ते हैं ब्राह्मी अश्वगंधा और गोटु कोला जैसी जड़ी बूटियाँ आपके मस्तिष्क को स्वस्थ और सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं इन जड़ी बूटियों को अपने दिनचर्या में शामिल करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा सर्वोत्तम रहता है स्वस्थ भोजन नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद भी आपके मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक हैं
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