Bollywood Stories : जिस कमी को लोग उड़ाते थे मजाक, उसी को बनाया अपनी ताकत, प्रियंका चोपड़ा की अनसुनी कहानी
News India Live, Digital Desk: Bollywood Stories : आज प्रियंका चोपड़ा एक ग्लोबल आइकन हैं, जिनका नाम दुनिया भर में मशहूर है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक, उन्होंने अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर एक अलग पहचान बनाई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस प्रियंका की खूबसूरती और आत्मविश्वास की आज दुनिया दीवानी है, एक वक्त ऐसा भी था जब उनके सांवले रंग और स्किन को उनकी सबसे बड़ी 'कमी' बताया गया था?
यह खुलासा किया है जाने-माने फिल्ममेकर प्रह्लाद कक्कड़ ने, जिन्होंने प्रियंका के शुरुआती मॉडलिंग के दिनों के एक अनसुने किस्से को साझा किया है।
"उसमें क्या खास है?"
प्रह्लाद कक्कड़ ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब प्रियंका चोपड़ा ने 17-18 साल की उम्र में ब्यूटी पेजेंट के लिए ट्रेनिंग शुरू की थी, तो जूरी के कई सदस्य उनसे इंप्रेस नहीं थे। कक्कड़ के मुताबिक, लोगों का कहना था, "उसमें ऐसा क्या खास है? वह काली है, उसकी स्किन भी अच्छी नहीं है।"
कक्कड़ ने बताया कि उस वक्त ब्यूटी इंडस्ट्री में गोरे रंग को बहुत तवज्जो दी जाती थी, और प्रियंका उस पारंपरिक 'सुंदरता' के पैमाने पर खरी नहीं उतरती थीं। लोगों को लगता था कि ऐसी बहुत सी लड़कियां हैं, तो फिर प्रियंका में ऐसा क्या अलग है?
सबको गलत साबित कर दिखाया
इन आलोचनाओं और नकारात्मक टिप्पणियों के बावजूद, प्रियंका चोपड़ा ने कभी हार नहीं मानी। प्रह्लाद कक्कड़ ने बताया कि प्रियंका की सबसे बड़ी ताकत उनकी 'ذكاء' (इंटेलिजेंस) और सीखने की क्षमता थी। उन्होंने अपनी कमियों पर काम किया और खुद को इस कदर निखारा कि ब्यूटी पेजेंट के जजों को अपना फैसला बदलना पड़ा।
प्रियंका ने न सिर्फ मिस इंडिया का खिताब जीता, बल्कि साल 2000 में 'मिस वर्ल्ड' बनकर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। यह जीत उन तमाम लोगों के मुंह पर एक तमाचा थी, जो कभी उनके रंग और लुक्स को लेकर सवाल उठाते थे।
आज प्रियंका चोपड़ा की कहानी करोड़ों लड़कियों के लिए एक मिसाल है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि कामयाबी का रंग सांवला या गोरा नहीं होता, बल्कि यह आपके टैलेंट, मेहनत और आत्मविश्वास से तय होता है। उन्होंने सुंदरता के उन दकियानूसी पैमानों को तोड़ा है, जो किसी इंसान की काबिलियत को उसके रंग से आंकते हैं।
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