Bihar politics : क्या कांग्रेस को बिहार के गरीबों से माफी मांगनी पड़ेगी? बीड़ी पर मचा घमासान
News India Live, Digital Desk: A for Apple, B for Ball" तो सबने सुना है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने जब सोशल मीडिया पर "B for बीड़ी" वाला पोस्ट किया, तो बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया. इस एक पोस्ट ने सत्ताधारी JDU और BJP को ऐसा मौका दिया कि उन्होंने इसे सीधे-सीधे बिहार और यहां के गरीबों के अपमान से जोड़ दिया है. दोनों पार्टियों ने कांग्रेस और उसके सहयोगी RJD पर तीखा हमला बोला है, जिससे राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है.
कहां से शुरू हुआ विवाद?
कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) हैंडल पर अंग्रेजी अल्फाबेट सिखाने के अंदाज में एक ग्राफिक्स पोस्ट किया, जिसमें 'B' अक्षर के सामने बीड़ी का जिक्र था. देखने में यह एक सामान्य पोस्ट लग सकता है, लेकिन बिहार की राजनीति में इसे हाथों-हाथ लपक लिया गया. वजह साफ है, बिहार-झारखंड में लाखों गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं की रोजी-रोटी बीड़ी बनाने के काम से चलती है.
JDU और BJP ने खोला मोर्चा
इस पोस्ट के आते ही JDU और BJP एक सुर में हमलावर हो गए. JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह पोस्ट कांग्रेस की गरीब-विरोधी मानसिकता को दिखाता है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने पहले देश के प्रधानमंत्री का अपमान किया और अब वे बिहार और यहां के गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं. जिस बीड़ी से लाखों लोगों का घर चलता है, कांग्रेस उसे गलत तरीके से पेश कर रही है."
वहीं, BJP के विधान पार्षद समीर सिंह ने भी इसे बिहार की अस्मिता पर हमला बताया. उन्होंने कहा, "यह वही कांग्रेस है जिसने हमेशा गरीबों का शोषण किया है. आज जब गरीबों के बेटे नरेंद्र मोदी देश चला रहे हैं तो कांग्रेस को तकलीफ हो रही है. अब वह बिहार के गरीबों के रोजगार का अपमान कर रहे हैं."
दोनों पार्टियों ने RJD नेता तेजस्वी यादव को भी घेरा है और उनसे सवाल किया है कि क्या वह कांग्रेस के इस स्टैंड का समर्थन करते हैं.
क्या है विपक्ष का तर्क?
माना जा रहा है कि कांग्रेस का यह पोस्ट स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के नजरिए से किया गया था. हालांकि, इसके सियासी मायने इतने गहरे निकलेंगे, इसका शायद उन्हें अंदाजा नहीं था. इस पूरे विवाद पर RJD और कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सत्ता पक्ष ने इस मुद्दे को पूरी तरह से एक सियासी हथियार बना लिया है. यह मामला सिर्फ एक सोशल मीडिया पोस्ट का नहीं रह गया है, बल्कि अब यह बिहार के सम्मान और गरीबों की रोजी-रोटी से जुड़ गया है.
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