Bihar Politics: चिराग को चुनौती देकर संतोष सुमन ने मुकेश सहनी को NDA में बुलाया, कहा महागठबंधन में 60 सीट नहीं मिलेगी
News India Live, Digital Desk: Bihar Politics: बिहार की राजनीति में लगातार हलचल जारी है. एक तरफ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बार-बार दोहरा रहे हैं कि उन्हें "बिहार बुला रहा है" और वह पूरी तरह से राज्य की राजनीति पर केंद्रित हैं, तो वहीं दूसरी ओर उनके धुर-विरोधी और हम (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने चिराग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक बड़ा सियासी दांव चला है. नीतीश सरकार में मंत्री संतोष सुमन ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी को एनडीए (NDA) में वापस लौटने का खुला न्योता दे दिया है.
संतोष सुमन का मुकेश सहनी को खुला निमंत्रण: "तेजस्वी यादव 60 सीट नहीं देंगे"
संतोष सुमन ने बुधवार को एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान मुकेश सहनी को एनडीए में लौटने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन (Mahagathbandhan) के अंदरूनी समीकरण कुछ और ही बयां कर रहे हैं और सहनी को वहाँ 60 सीटें मिलने वाली नहीं हैं, जिसकी वह उम्मीद कर रहे हैं. सुमन ने तर्क दिया कि मुकेश सहनी के लिए यह बेहतर होगा कि वह एनडीए में वापस लौट आएं, क्योंकि उनका (निषाद) समाज भी पूरी तरह से एनडीए के साथ है. यह बयान सीधे तौर पर मुकेश सहनी को तेजस्वी यादव और महागठबंधन से दूर करने की एक स्पष्ट रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. संतोष सुमन ने महागठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहाँ मुकेश सहनी का 'मन भर गया' है और उन्हें कोई सम्मान नहीं मिलेगा.
चिराग पासवान पर संतोष सुमन का तीखा तंज: "दो नावों पर सवारी न करें!"
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर भी तीखा तंज कसा है. सुमन ने चिराग पर निशाना साधते हुए कहा, "अगर उनकी (चिराग की) बिहार आने की तीव्र इच्छा है तो निश्चित रूप से अब उनको केंद्र की जिम्मेदारी छोड़ देनी चाहिए." संतोष सुमन ने चिराग से यह भी कहा कि उन्हें जनता में यह विश्वास जगाना होगा कि वे "दो नावों पर नहीं हैं, बल्कि एक ही नाव पर सवार हैं." यह बयान सीधे तौर पर चिराग की केंद्रीय मंत्री पद पर बने रहते हुए बिहार में पूर्णकालिक राजनीति करने की इच्छा पर सवाल खड़ा करता है.
हालांकि, जब चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की बात पूछी गई, तो संतोष सुमन ने लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हुए कहा कि लोकतंत्र में किसी को रोका नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, "चिराग बिहार आने के लिए स्वतंत्र हैं. हम उनका स्वागत करते हैं," लेकिन यह कटाक्ष करना नहीं भूले कि उनकी प्राथमिकताओं को स्पष्ट होना चाहिए.
यह घटनाक्रम बिहार की सियासी तपिश को और बढ़ा रहा है, जहाँ राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं और लोकसभा चुनाव से पहले सभी दल अपने-अपने वोट बैंक और गठबंधन को साधने में लगे हैं.
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