Bihar Politics : प्रशांत किशोर नहीं लड़ेंगे चुनाव, लेकिन बदल देंगे बिहार ,कैंडिडेट वापस बुलाने का अधिकार'क्या है, जानिए
News India Live, Digital Desk : बिहार की राजनीति में आजकल प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की 'जन सुराज' पार्टी (Jan Suraj Party) काफी चर्चा में है। लंबे समय से चल रही पदयात्रा और संगठन को मजबूत करने के बाद, अब पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 'जन सुराज' ने अपनी पहली कैंडिडेट लिस्ट (candidate list) जारी करने की तारीख का ऐलान कर दिया है, और यह खबर बिहार के राजनीतिक गलियारों में गरमाहट ला चुकी है।
कब और कहाँ होगा ऐलान?
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने घोषणा की है कि उनकी पहली कैंडिडेट लिस्ट 1 दिसंबर, 2025 को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जारी की जाएगी। यह दिन बिहार की सियासत के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि 'जन सुराज' ने स्पष्ट कर दिया है कि वे प्रदेश की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। यह पार्टी का एक बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है।
'वोटरों के हाथ में होगी असली ताकत', पीके का नया मंत्र
प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की विचारधारा और चुनाव लड़ने के तरीके को लेकर कुछ खास बातें बताई हैं। उनका कहना है कि जन सुराज का लक्ष्य स्वच्छ राजनीति को बढ़ावा देना और परिवारवाद (dynastic politics) से दूर रहना है। सबसे महत्वपूर्ण बात, पीके ने 'राइट टू रिकॉल' (Right to Recall) यानी 'वापस बुलाने का अधिकार' की बात की है। उनके अनुसार, जन सुराज के हर विधायक को वोटरों के प्रति जवाबदेह रहना होगा, और यदि कोई विधायक सही काम नहीं करता है तो मतदाता उसे पद से हटाने की ताकत रखेंगे।
उन्होंने कहा, "इस बार लोग जन सुराज के उम्मीदवारों को चुनेंगे, लेकिन चुनाव में चुनते ही प्रत्याशी बेलगाम नहीं हो जाएगा। उसका लगाम मतदाताओं के हाथ में होगा।" जनता के लिए जन सुराज एक नई सोच लेकर आ रही है।
बिहार के मौजूदा नेताओं पर पीके का सीधा हमला
इस मौके पर प्रशांत किशोर ने बिहार के मौजूदा नेताओं पर भी जमकर निशाना साधा। उनका आरोप है कि ये नेता सिर्फ अपने निजी हितों को पूरा करते हैं और राज्य की जनता के मुद्दों को नज़रअंदाज़ करते हैं। उन्होंने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को भ्रष्टाचार और nepotism (भाई-भतीजावाद) से भरा बताया और दावा किया कि जन सुराज बिहार में राजनीतिक बदलाव लाएगी। यह एक नई राजनीतिक पार्टी बिहार में एक बड़ा आंदोलन का रूप ले रही है।
पीके नहीं लड़ेंगे चुनाव, लेकिन बदलेंगे बिहार का भविष्य
प्रशांत किशोर ने साफ किया है कि वह खुद कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका फोकस जन सुराज संगठन को खड़ा करने और ऐसे उम्मीदवारों को आगे लाने पर है जो वाकई बिहार के लोगों की सेवा करना चाहते हैं। उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार को योग्य और ईमानदार नेता मिलें, न कि ऐसे लोग जो केवल परिवार या सत्ता के दम पर चुनाव जीतते हों।
यह 'जन सुराज' की ओर से बिहार की जनता के लिए एक राजनीतिक प्रयोग है, जो यह देखना चाहते हैं कि कैसे लोगों की शक्ति के साथ बिहार में नई राजनीति की शुरुआत हो सकती है।
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