Bihar Politics : पटना में घूमना बंद, क्षेत्र में जाओ, तेजस्वी ने टिकट के जुगाड़ में लगे RJD विधायकों को दी सख्त चेतावनी

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News India Live, Digital Desk: बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है, लेकिन सबसे ज्यादा एक्शन में दिख रहे हैं आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव। उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों और नेताओं को एक ऐसा कड़ा संदेश दिया है, जिससे पटना के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है।

"खुद को उम्मीदवार न समझें, टिकट सर्वे से तय होगा"

पार्टी की बैठक में तेजस्वी यादव ने उन विधायकों और नेताओं की जमकर क्लास लगाई जो अपने क्षेत्र में काम करने के बजाय टिकट के जुगाड़ में पटना में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने साफ और कड़े शब्दों में कहा, "आप लोग पटना में घूमना बंद कीजिए और अपने-अपने क्षेत्र में जाइए। जनता के बीच रहिए, उनकी समस्याएं सुनिए और काम कीजिए।"

उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि कोई भी मौजूदा विधायक खुद को अगला उम्मीदवार मानकर न चले। तेजस्वी ने कहा, "यह मत सोचिए कि आप विधायक हैं तो आपका टिकट पक्का है। पार्टी अपने स्तर पर सर्वे करा रही है, जिसकी रिपोर्ट अच्छी होगी और जिसमें जीतने की क्षमता दिखेगी, टिकट उसी को मिलेगा।"

"जिसे टिकट मिले, उसे जिताना होगा"

तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर पार्टी के लिए काम करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, "आपका लक्ष्य सिर्फ अपनी उम्मीदवारी पक्की करना नहीं होना चाहिए। आपका लक्ष्य पार्टी को जिताना होना चाहिए। अगर पार्टी किसी और को टिकट देती है, तो आप सभी की जिम्मेदारी होगी कि उसे जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दें। जिसे कहूंगा, उसे चुनाव लड़ाना होगा।"

क्या है तेजस्वी के इस सख्त रवैये का मतलब?

तेजस्वी के इस रवैये से साफ है कि वह 2025 का चुनाव किसी भी हाल में जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं और इसके लिए कोई भी समझौता करने के मूड में नहीं हैं।

  • वह नेताओं को साफ संदेश देना चाहते हैं कि अब सिफारिश या पटना में लॉबिंग से टिकट नहीं मिलेगा, बल्कि जमीन पर किया गया काम ही टिकट का आधार होगा।
  • वह पार्टी के अंदर किसी भी तरह की गुटबाजी को पनपने से पहले ही खत्म कर देना चाहते हैं।
  • उनका पूरा फोकस 'जीतने वाले उम्मीदवार' पर है, भले ही इसके लिए किसी मौजूदा विधायक का टिकट ही क्यों न काटना पड़े।

तेजस्वी ने अपने नेताओं को अगले 6-7 महीने का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यही समय है जनता के बीच अपनी पैठ बनाने का। अब देखना यह है कि तेजस्वी की इस सख्ती का जमीन पर कितना असर होता है।

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