Bihar Election Result : जब अपने ही सहयोगी पर भड़के गहलोत, बोले RJD की वजह से हारे, वरना जीत पक्की थी
News India Live, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार ने कांग्रेस के भीतर एक नई बहस छेड़ दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस हार पर अपनी गहरी निराशा जताते हुए इसके लिए सीधे तौर पर आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। गहलोत का यह बयान कांग्रेस के अंदरूनी कलह को एक बार फिर सतह पर ले आया है, जहां पार्टी के नेता अब खुलकर हार के कारणों पर सवाल उठा रहे हैं।
क्या कहा अशोक गहलोत ने?
अशोक गहलोत ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा कि बिहार चुनाव के नतीजे बेहद निराशाजनक हैं। उन्होंने साफ तौर पर माना कि कांग्रेस को आरजेडी के साथ गठबंधन करने से भारी नुकसान हुआ। उनके मुताबिक, तेजस्वी यादव ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान नकारात्मक राजनीति की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले किए, जिसे बिहार की जनता ने पसंद नहीं किया।
गहलोत ने कहा, "जब आप गठबंधन में चुनाव लड़ते हैं, तो आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप अपने सहयोगी दलों को भी साथ लेकर चलें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आरजेडी ने हमें भरोसे में नहीं लिया और शायद यही हमारी हार की सबसे बड़ी वजह बनी।" उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर कांग्रेस ने सही रणनीति अपनाई होती और गठबंधन धर्म का ठीक से पालन किया गया होता, तो आज बिहार के नतीजे कुछ और हो सकते थे।
कांग्रेस के अंदर क्यों उठे सवाल?
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने पार्टी की चुनावी रणनीति पर सवाल उठाए हैं। बिहार में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह केवल 19 सीटें ही जीत सकी। पार्टी के इस कमजोर प्रदर्शन को महागठबंधन की हार का एक मुख्य कारण माना जा रहा है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस को उतनी सीटें नहीं लेनी चाहिए थीं, जितनी सीटों पर लड़ने की उसकी तैयारी नहीं थी।
गहलोत का बयान इस बात का भी संकेत है कि कांग्रेस में अब एक धड़ा ऐसा है जो यह मानने लगा है कि क्षेत्रीय दलों पर बहुत अधिक निर्भरता पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस नेतृत्व पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं।
कुल मिलाकर, बिहार की हार ने कांग्रेस को आत्ममंथन के लिए मजबूर कर दिया है। अशोक गहलोत जैसे अनुभवी नेता का खुलकर बोलना यह दिखाता है कि पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है और आने वाले दिनों में यह चिंगारी एक बड़ी आग का रूप ले सकती है।
--Advertisement--