Bihar Election : क्या बिहार चुनाव पूरे देश के लिए बन रहा मॉडल? EC का मास्टरस्ट्रोक, इन 17 पहलों पर लगी मोहर
News India Live, Digital Desk: Bihar Election : बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India - ECI) अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता. इसी क्रम में, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने यह साफ़ किया है कि बिहार चुनाव में कई ख़ास तरह की नई पहलें शुरू की जा रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि बिहार में कामयाब होने पर इन्हीं 17 पहलों को देश के दूसरे चुनावों में भी लागू किया जाएगा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ख़ूबसूरती ये है कि हर चुनाव पहले से बेहतर हो और नए-नए सुधारों के साथ मतदाताओं को और सशक्त बनाया जा सके. बिहार में जो 17 नई पहलें शुरू हो रही हैं, उनका मकसद चुनाव प्रक्रिया को और ज़्यादा पारदर्शी, निष्पक्ष और समावेशी बनाना है.
ये पहलें मतदान केंद्रों से लेकर मतगणना तक, हर चरण में चुनाव प्रबंधन को बेहतर बनाने पर केंद्रित होंगी. कुछ अनुमानित पहलें इस प्रकार हो सकती हैं:
- सुगम मतदान: बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए आसान पहुँच वाली वोटिंग बूथ.
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: वोटर वेरिफिकेशन के लिए डिजिटल तरीकों का ज़्यादा इस्तेमाल.
- शिकायत निवारण: तेज़ी से शिकायतों को सुलझाने के लिए विशेष ऐप या हेल्पलाइन.
- पारदर्शिता: मतगणना प्रक्रिया को और ज़्यादा पारदर्शी बनाना.
- सुरक्षित मतदान: कोविड-19 जैसी परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन.
- युवा भागीदारी: युवाओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ख़ास कार्यक्रम.
अगर ये 17 पहलें बिहार में सफल रहती हैं, तो इसका सीधा मतलब यह होगा कि भारतीय लोकतंत्र के भविष्य के लिए एक नई राह तैयार होगी. ये न केवल बिहार में चुनाव प्रक्रिया को आदर्श बनाएंगी, बल्कि आने वाले समय में देश के दूसरे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के लिए भी एक खाका पेश करेंगी. इससे चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य - 'मतदाता केंद्रित' और 'निर्वाचन अनुकूल' व्यवस्था को साकार करने में मदद मिलेगी. बिहार में हो रहे ये चुनाव वास्तव में पूरे देश के लिए एक 'लैब' साबित होंगे, जहां लोकतंत्र के नए आयामों का परीक्षण किया जाएगा.
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