Bihar Election 2025 : जंगलराज वालों को लगा 65 वोल्ट का झटका, सीतामढ़ी में पीएम मोदी ने भरी हुंकार

Post

News India Live, Digital Desk: बिहार का चुनावी पारा आसमान पर है और जैसे-जैसे वोटों की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे नेताओं के भाषण भी और तीखे होते जा रहे हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीतामढ़ी के चुनावी मैदान में उतरकर 'जंगलराज' के मुद्दे पर विपक्ष को जमकर घेरा. उन्होंने पहले चरण की वोटिंग का जिक्र करते हुए कहा कि जिन लोगों को बिहार में फिर से वो पुराना दौर लाने का सपना देख रहे थे, उन्हें जनता ने पहले ही फेज में 65 वोल्ट का तगड़ा झटका दे दिया है.

'ये मोदी है, संविधान को आंच नहीं आने देगा'

सीतामढ़ी की धरती से पीएम मोदी का भाषण सिर्फ वादों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने विपक्ष पर तीखे हमले भी किए. उन्होंने आरक्षण और संविधान के मुद्दे पर चल रही बहस को लेकर विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया. पीएम ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कहा, "ये लोग कहते हैं कि मोदी आएगा तो संविधान बदल देगा. कान खोलकर सुन लो, खुद बाबा साहेब अम्बेडकर भी आ जाएं तो अब संविधान नहीं बदल सकते. ये मोदी है, ये अपनी जान दे देगा लेकिन संविधान पर आंच नहीं आने देगा."

फिर दिलाई 'जंगलराज' की याद

पीएम मोदी ने अपने भाषण में बार-बार बिहार के उस पुराने दौर का जिक्र किया, जिसे 'जंगलराज' कहा जाता है. उन्होंने लोगों से पूछा, "याद है न वो दिन? जब गाड़ी खरीदने पर रंगदारी मांगी जाती थी? जब बेटियों का घर से निकलना मुश्किल था? जब शाम होते ही अपहरण और फिरौती का खेल शुरू हो जाता था?" उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं, जो लालटेन के जमाने में बिहार को लूट रहे थे, जबकि एनडीए सरकार ने बिहार के हर घर में LED बल्ब पहुंचाकर उसे रोशन करने का काम किया है.

'जिसने लूटा है, उसे लौटाना होगा'

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी पीएम मोदी ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि जिन्होंने बिहार को लूटा है, उन सबको एक-एक पाई लौटानी पड़ेगी. उन्होंने कहा, "मैं जब एक्शन लेता हूं, तो ये लोग चिल्लाते हैं. लेकिन ये मोदी डरने वाला नहीं है. देश को लूटने वालों को जेल जाना ही पड़ेगा."

पीएम मोदी का यह भाषण साफ तौर पर यह दिखा रहा है कि बीजेपी और एनडीए इस चुनाव में 'जंगलराज' बनाम 'सुशासन' को ही अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर चल रहे हैं. उन्होंने विकास के कामों को गिनाने के साथ-साथ, लोगों को उस पुराने दौर की याद दिलाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि अगर विपक्ष सत्ता में आया, तो बिहार एक बार फिर उसी अंधेरे दौर में लौट सकता है.

--Advertisement--