Bihar Education Department : मिड-डे मील या ज़ह'? बिहार के स्कूल में जब बच्चों की थाली में निकली मरी हुई छिपकली
News India Live, Digital Desk: Bihar Education Department : मिड-डे मील योजना, सरकार की एक ऐसी कोशिश जिसका मकसद है कि स्कूल आने वाले गरीब बच्चों को कम से कम एक वक्त का पौष्टिक खाना मिल सके। लेकिन क्या हो, जब यही खाना बच्चों के लिए ज़हर बन जाए? ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली घटना बिहार के मुजफ्फरपुर से सामने आई है, जहां एक सरकारी स्कूल में बच्चों को परोसे गए खाने में मरी हुई छिपकली मिली, जिसे खाने के बाद 62 बच्चे बीमार पड़ गए।
यह दर्दनाक मामला मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के एक मध्य विद्यालय का है। रोज की तरह स्कूल में मिड-डे मील बना और बच्चों को खाना परोसा गया। खाने में दाल-चावल था। बच्चे अभी खाना शुरू ही किए थे कि एक बच्चे की थाली में दाल के अंदर एक मरी हुई छिपकली निकली। यह देखते ही वहां हड़कंप मच गया।
खाना खाने के बाद बिगड़ने लगी बच्चों की तबीयत
जब तक छिपकली मिलने की बात सबको पता चलती, तब तक कई बच्चे खाना खा चुके थे। कुछ ही देर में बच्चों को उल्टियां होने लगीं और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। एक-एक करके बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। स्कूल में चीख-पुकार मच गई। आनन-फानन में बीमार बच्चों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
खबरों के मुताबिक, कुल 62 बच्चों की तबीयत खराब हुई। जब बच्चों की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उनमें से 8 बच्चों को बेहतर इलाज के लिए मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) में रेफर कर दिया गया। घटना की खबर मिलते ही बच्चों के माता-पिता बदहवास हालत में अस्पताल की ओर भागे।
अधिकारी पहुंचे, जांच के आदेश दिए
मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हरकत में आए। जिले के डीपीओ और बीईओ जैसे बड़े अधिकारी अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना। इस मामले में गंभीर लापरवाही सामने आई है। स्कूल के हेडमास्टर से लेकर खाना बनाने वाली एजेंसी तक, हर कोई सवालों के घेरे में है। अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा है और जांच के आदेश दे दिए हैं।
यह कोई पहली बार नहीं है, जब बिहार के मिड-डे मील में इस तरह की खतरनाक लापरवाही सामने आई है। कभी खाने में कीड़े, तो कभी सांप और अब छिपकली का मिलना यह दिखाता है कि बच्चों की सेहत और सुरक्षा के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। सवाल यह है कि आखिर ऐसी लापरवाही करने वालों के खिलाफ कब तक सिर्फ जांच के आदेश दिए जाएंगे और कब उन पर कोई ठोस कार्रवाई होगी?
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