Bihar: बीजेपी सांसद का राजद पर वार, पूछा ,31 दिन में कैसे हो जाता था मतदाता सूची का पुनरीक्षण

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News India Live, Digital Desk: Bihar:  लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद बिहार की राजनीति में विभिन्न मुद्दों पर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पश्चिम चंपारण से सांसद संजय जायसवाल ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व शासनकाल के दौरान मतदाता सूची के पुनरीक्षण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर राजद को निशाने पर लिया है और उनकी पिछली कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं।

सांसद संजय जायसवाल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि राजद के कार्यकाल के दौरान मतदाता सूची का पुनरीक्षण मात्र 31 दिनों के भीतर ही संपन्न कर लिया जाता था। उन्होंने यह तीखा सवाल उठाया कि इतनी कम अवधि में इतने बड़े पैमाने पर होने वाली, संवेदनशील और जटिल प्रक्रिया को आखिर कैसे पूरा किया जा सकता था, जिसमें लाखों लोगों के नामों को जोड़ने या हटाने का कार्य होता है। जायसवाल ने इसे पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए एक बड़ा अनियमितता करार दिया।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2010 की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। उनके अनुसार, उस समय मतदाता सूची में जानबूझकर लाखों की संख्या में फर्जी नाम जोड़ दिए गए थे, जो वास्तविक रूप से मतदाता नहीं थे। जायसवाल ने पुरानी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि इसी गंभीर मुद्दे को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी। न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए कठोर निर्देश जारी किए, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2012 में मतदाता सूची से ऐसे लाखों फर्जी नामों को मजबूरी में हटाना पड़ा था। यह घटना उस समय काफी सुर्खियों में रही थी और इसने निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए थे।

संजय जायसवाल ने इसके विपरीत, वर्तमान निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली की खुलकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान आयोग पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के लिए 6 से 8 महीने का लंबा समय लिया है। उनके अनुसार, यह विस्तारित अवधि यह सुनिश्चित करती है कि सभी प्रक्रियाओं को बेहद सावधानीपूर्वक और त्रुटिहीन तरीके से संपन्न किया जा सके। 

इस तरह यह सुनिश्चित हो पाता है कि कोई भी अयोग्य व्यक्ति सूची में शामिल न हो और कोई भी पात्र मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे। जायसवाल ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र में स्वच्छ और त्रुटिहीन मतदाता सूची का होना अत्यंत आवश्यक है और इस दिशा में वर्तमान निर्वाचन आयोग की पहल सराहनीय है।

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