दिवाली से पहले सबसे बड़ी कार्रवाई ,34 क्विंटल मिलावटी खाना ज़ब्त, कहीं आपके घर तो नहीं आ रहा ज़हर?
News India Live, Digital Desk: दिवाली का त्योहार आते ही बाज़ारों में रौनक बढ़ जाती है, खासकर मिठाइयों और खाने-पीने की दुकानों पर. लेकिन इस चमक-दमक के पीछे एक ऐसा काला कारोबार भी चलता है, जो आपकी सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ करता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं मिलावटखोरों की, जो ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने के चक्कर में आपकी थाली में ज़हर परोसने से भी नहीं चूकते.
लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इन मिलावटखोरों पर कहर बनकर टूटी है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) विभाग ने दिवाली से पहले पूरे प्रदेश में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी की है. यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है.
3394 क्विंटल मिलावटी सामान नष्ट, पैरों तले खिसक जाएगी ज़मीन
FSDA की टीमों ने प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों में एक विशेष अभियान चलाया, जिसमें खाने-पीने की चीज़ें बनाने वाली फैक्टरियों, गोदामों और दुकानों पर छापे मारे गए. इस कार्रवाई में जो सामने आया, वो आपकी आँखें खोल देगा.
- कुल 3394 क्विंटल (लगभग 3.4 लाख किलोग्राम) मिलावटी या खराब खाद्य सामग्री को मौके पर ही ज़ब्त करके नष्ट कर दिया गया.
- इस ज़ब्त किए गए सामान की क़ीमत 4.76 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा आंकी गई है.
सोचिए, अगर यह कार्रवाई नहीं होती, तो यह लाखों किलो ज़हरीला सामान आपके और हमारे घरों तक पहुंच सकता था.
किन चीज़ों में हो रही थी सबसे ज़्यादा मिलावट?
इस अभियान में दूध और दूध से बनी चीज़ें (जैसे खोया, पनीर, मिठाइयां) मिलावटखोरों के निशाने पर सबसे ऊपर थीं. इसके अलावा:
- तेल और घी
- बेसन और मसाले
- नमकीन और मिठाइयां
जैसी रोज़मर्रा की चीज़ों में भी जमकर मिलावट पाई गई. टीमों ने जांच के लिए कुल 4,449 नमूने इकट्ठा किए हैं, जिन्हें लैब में भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद इन मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कैसे पहचानें मिलावटी सामान? आप भी बरतें ये सावधानियां
- विश्वसनीय दुकान से ही खरीदें: हमेशा किसी जानी-पहचानी और भरोसेमंद दुकान से ही सामान खरीदें.
- ब्रांडेड और पैक्ड सामान को दें तरजीह: खुली मिठाइयों या सामान की जगह पैक्ड और FSSAI सर्टिफाइड ब्रांड का सामान लेना बेहतर है.
- रंग और गंध पर ध्यान दें: अगर किसी मिठाई का रंग बहुत ज़्यादा चटक है या उसमें से अजीब सी गंध आ रही है, तो उसे खरीदने से बचें.
- खोया (मावा) की पहचान: असली खोया मुलायम होता है और मुँह में चिपकता नहीं. अगर खोये को उँगलियों के बीच रगड़ने पर घी छूटता है, तो वह शुद्ध है.
इस दिवाली, स्वाद के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ख्याल रखें. थोड़ा सा लालच या सस्तापन आपकी और आपके परिवार की सेहत पर भारी पड़ सकता है.
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