Big setback in the famous blackmailing case: कांस्टेबल अमनदीप कौर की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज की

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News India Live, Digital Desk: Big setback in the famous blackmailing case:  पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और चर्चित मामले में सस्पेंड कांस्टेबल अमनदीप कौर की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिससे उन्हें अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। यह मामला कुछ समय से सुर्खियों में था और यह पुलिस विभाग की गरिमा पर सवाल खड़े करता है। अदालत का यह फैसला दर्शाता है कि गंभीर अपराधों में शामिल व्यक्तियों, विशेषकर कानून प्रवर्तन एजेंसियों से जुड़े लोगों को कोई ढिलाई नहीं दी जाएगी।

दरअसल, अमनदीप कौर पर संगीन आरोप लगे हैं। उन पर एक व्यक्ति को धमकाकर और झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी देकर उससे 65 लाख रुपये वसूलने का आरोप है। पुलिस को शिकायत मिलने के बाद जब इस पूरे मामले की गहनता से जांच की गई, तो पता चला कि अमनदीप कौर ने अपने दो साथियों, जिसका नाम अजय वीर और जगबीर सिंह है, के साथ मिलकर एक खतरनाक जाल बिछाया था। इस जाल में एक शख्स को ब्लैकमेल करने और उससे मोटी रकम ऐंठने की साजिश रची गई थी। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि अमनदीप कौर के साथियों ने पीड़ित की दो गाड़ियों को भी जबरन ले लिया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल अमनदीप कौर को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया था।

इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुना और सबूतों पर गौर किया। न्यायाधीश गुरबिंदर सिंह गिल ने अमनदीप कौर की ओर से दायर जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि फिलहाल उन्हें जमानत देना न्याय हित में नहीं होगा। न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि आरोपी ने अपराध के कमीशन में सक्रिय भूमिका निभाई है, और उन्हें कानून द्वारा परिभाषित 'कुकृति' करने का दोषी ठहराया गया है। इसका मतलब है कि उनके कृत्य एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आते हैं। अदालत का मानना था कि ऐसे संगीन आरोपों पर प्रारंभिक सबूतों को देखते हुए, उन्हें जमानत पर रिहा करने से समाज पर गलत संदेश जाएगा और न्याय की प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है।

हालांकि अमनदीप कौर के वकील ने दलील दी कि जांच पूरी हो चुकी है और अब उन्हें जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है, और सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। लेकिन अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि आरोप गंभीर हैं और मामले की पूरी छानबीन और सुनवाई अभी बाकी है।

इस फैसले के बाद, अमनदीप कौर अभी जेल में ही रहेंगी, जब तक कि मामले की पूरी सुनवाई और निचली अदालत में उनके भाग्य का फैसला नहीं हो जाता। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि कानून सबके लिए समान है, और यदि कोई व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पेशे से क्यों न जुड़ा हो, अपराध करता है तो उसे परिणाम भुगतने होंगे।

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