Big Relief for farmers: अब 5 लाख तक का केसीसी कर्ज मात्र 4% पर उपलब्ध, ब्याज सब्सिडी और आसान शर्तें

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News India Live, Digital Desk: देश के अन्नदाताओं, किसानों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक बहुत ही अहम और राहत भरी खबर सामने आ रही है। सरकार ने 'किसान क्रेडिट कार्ड' (केसीसी) योजना के तहत मिलने वाले कर्ज की सीमा को बढ़ा दिया है, जिससे अब किसान 5 लाख रुपये तक का कर्ज बेहद रियायती दरों पर प्राप्त कर सकेंगे। इस कदम का मकसद किसानों को खेती से जुड़ी गतिविधियों के लिए आसान और सस्ता कर्ज मुहैया कराना है, ताकि वे अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकें और साहूकारों के कर्ज के जाल से बच सकें।

दरअसल, पहले बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने पर सामान्य तौर पर 7 प्रतिशत ब्याज दर लागू होती थी। लेकिन केंद्र सरकार इस पर 2 प्रतिशत की बड़ी सब्सिडी प्रदान करती है। इस सरकारी छूट के बाद, किसानों को वास्तविक रूप से केवल 5 प्रतिशत ब्याज ही चुकाना पड़ता था। अब इस योजना में एक और आकर्षक लाभ जोड़ दिया गया है: यदि किसान इस कर्ज को निर्धारित समय पर चुका देते हैं, तो उन्हें सरकार की तरफ से 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है। इसका सीधा अर्थ यह है कि अगर किसान समय पर अपना कर्ज वापस कर दें, तो उन्हें केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष की अविश्वसनीय रूप से कम ब्याज दर पर ही यह 5 लाख रुपये तक का कर्ज मिल पाएगा! यह अपने आप में कृषि क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी सहायता है।

केंद्र सरकार ने इस योजना में एक और बड़ा बदलाव करते हुए किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त में ढील दी है। पहले, किसानों को 1 लाख रुपये तक के कर्ज के लिए कोई गारंटी (गिरवी) देने की जरूरत नहीं पड़ती थी, जिसे 'कोलैटरल-फ्री' लोन कहा जाता था। अब इस सीमा को बढ़ाकर 1 लाख 60 हजार रुपये कर दिया गया है। यानी, अगर किसान 1 लाख 60 हजार रुपये तक का कर्ज लेते हैं, तो उन्हें बैंक के पास कोई ज़मीन या संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होगी। यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जिन्हें अक्सर गारंटी का इंतजाम करने में दिक्कत आती थी।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों के लिए कृषि उपकरण खरीदने, खाद-बीज जुटाने और अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने जैसे उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन की गई है। इस योजना का मकसद उन्हें साहूकारों से ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज लेने से बचाना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो और वे आर्थिक रूप से अधिक मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकें। आवेदन प्रक्रिया को भी अब सरल बनाया गया है, जिससे किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से आसानी से आवेदन कर सकें और समय पर यह आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकें। यह कदम निश्चित रूप से भारतीय कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई गति प्रदान करेगा।

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