Big challenge in IT Sector: टीसीएस छंटनी महज शुरुआत विशेषज्ञ बोले आगे और जाएंगी नौकरियां
News India Live, Digital Desk: Big challenge in IT Sector: सूचना प्रौद्योगिकी आईटी क्षेत्र के लिए चिंताजनक खबर सामने आ रही है। हाल ही में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज टीसीएस द्वारा की गई छंटनी को विशेषज्ञ सिर्फ़ एक शुरुआत मान रहे हैं, और उनका कहना है कि आने वाले समय में भारतीय आईटी सेक्टर में व्यापक स्तर पर और भी नौकरियों में कटौती देखी जा सकती है। इस पूर्वानुमान ने हजारों आईटी पेशेवरों के बीच अनिश्चितता बढ़ा दी है।
जानकारों और स्टाफिंग फर्म के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सीईओ का मानना है कि दुनिया भर में चल रही आर्थिक सुस्ती और संभावित मंदी का असर साफ दिख रहा है। ग्राहकों द्वारा परियोजनाओं पर कम खर्च करना और 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन' में धीमापन इसका प्रमुख कारण है। उद्योग जगत में ऐसा माना जा रहा है कि कोविड-19 महामारी के बाद हुई भारी-भरकम भर्तियों के 'एडजस्टमेंट' के तौर पर भी इसे देखा जा रहा है। इसके साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव ने भी मानव संसाधन की आवश्यकता को कम किया है, जिससे नौकरी छूटने का जोखिम बढ़ गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियां अपने परिचालन को अनुकूलित करने और लागत कम करने पर ध्यान दे रही हैं। इसी क्रम में, टीसीएस जैसी कंपनियां अपने 'अतिरिक्त' प्रतिभाओं जिनमें प्रदर्शनकर्ता नहीं हैं या जिनके कौशल में वर्तमान मांग से मेल नहीं खाते को कम कर रही हैं ताकि उत्पादकता बढ़ाई जा सके। केवल छंटनी ही नहीं, बल्कि कई बड़ी आईटी कंपनियां नई भर्तियों पर रोक लगा रही हैं और नए कर्मचारियों को 'ऑनबोर्डिंग' में भी देरी कर रही हैं। एक शीर्ष स्टाफिंग फर्म के सीईओ ने स्पष्ट किया कि कई आईटी कंपनियां अब कर्मचारियों की संख्या को अधिक उत्पादकता वाले और प्रभावी पेशेवरों के साथ संतुलित कर रही हैं, भले ही इसके लिए नौकरियों में कटौती करनी पड़े।
एक प्रमुख आईटी कंसल्टेंट के पूर्व ग्लोबल एचआर हेड ने यह भी बताया कि वैश्विक आर्थिक स्थिति, ग्राहकों के बजट पर पड़ने वाले दबाव और परियोजनाओं में मंदी के कारण छंटनी की संभावना बढ़ गई है। भारतीय आईटी क्षेत्र के लिए आगे की राह चुनौतियों भरी दिख रही है। कर्मचारियों के लिए यह दौर 'अपस्किलिंग' और 'रीस्किलिंग' पर ज़ोर देने का है। उन पेशेवरों की मांग बढ़ेगी जिनके पास विशिष्ट और उच्च-मांग वाले कौशल हैं, खासकर एआई, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में। जिन कर्मचारियों में नई तकनीक के हिसाब से खुद को ढालने की क्षमता नहीं होगी, उनके लिए संकट बढ़ सकता है।
कुल मिलाकर, भारतीय आईटी उद्योग एक ऐसे महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है जहाँ हर स्तर पर दक्षता, अनुकूलन और नई प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बिठाना आवश्यक होगा।
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