Big Action: इंडियन ओवरसीज बैंक की हांगकांग शाखा पर HKMA ने लगाया 9 करोड़ का भारी जुर्माना

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News India Live, Digital Desk: वैश्विक वित्तीय नियमों के पालन में लापरवाही बरतने के कारण, हांगकांग मौद्रिक प्राधिकरण HKMA ने इंडियन ओवरसीज बैंक IOB की हांगकांग शाखा पर एक बड़ा जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने बैंक पर एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग AML और काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग CTF से संबंधित नियमों के उल्लंघन के लिए लगभग 9 करोड़ भारतीय रुपये (1.05 करोड़ हांगकांग डॉलर) का भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना वैश्विक वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए नियामक संस्थाओं की बढ़ती सख्ती को दर्शाता है।

HKMA ने अपनी जांच में पाया कि इंडियन ओवरसीज बैंक की हांगकांग शाखा ने कई प्रमुख नियामक आवश्यकताओं का पालन नहीं किया, विशेषकर 2018 से 2019 के बीच। इसमें ग्राहक जोखिम मूल्यांकन के उचित उपाय नहीं करना, ग्राहक की प्रोफाइलिंग ठीक से नहीं करना, और संदिग्ध लेनदेन की निगरानी और रिपोर्टिंग में खामियां शामिल थीं। ऐसे उल्लंघन मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली की अखंडता खतरे में पड़ सकती है।

यह पहला मौका नहीं है जब किसी भारतीय बैंक की विदेशी शाखा पर नियामक संस्थाओं द्वारा इस तरह का जुर्माना लगाया गया हो। विश्व भर के वित्तीय नियामक, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए अपनी निगरानी बढ़ा रहे हैं। इस मामले में, इंडियन ओवरसीज बैंक के आंतरिक नियंत्रण और जोखिम प्रबंधन प्रक्रियाओं में कमी पाई गई, जिससे उसे इतने बड़े जुर्माने का सामना करना पड़ा।

IOB की हांगकांग शाखा पर लगा यह जुर्माना वैश्विक वित्तीय मानकों का पालन करने के लिए बैंकों पर बढ़ते दबाव का एक और उदाहरण है। बैंक को अब HKMA के निर्देशों का पालन करना होगा और अपनी AML/CTF प्रणाली को मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी चूक न हो। इस घटना से भारतीय बैंकों को विदेशों में काम करते समय और भी अधिक सतर्कता और नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने का संदेश मिलता है ताकि वे कठोर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने से बच सकें और अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा बनाए रख सकें।

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