Bhai Dooj 2025 : आ गया शुभ मुहूर्त ,इस ख़ास समय पर तिलक करने से मिलेगी लंबी उम्र और किस्मत चमकेगी

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News India Live, Digital Desk: Bhai Dooj 2025 : भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक, खुशियों और ढेर सारे प्यार का त्योहार भाई दूज (Bhai Dooj) हर साल दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है. यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच के अटूट प्रेम और एक-दूसरे के प्रति सम्मान को दिखाने का ख़ास मौक़ा है. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, तो भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हुए उन्हें उपहार देते हैं.

2025 में यह पावन पर्व कब है और क्या है इस दिन तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त? आइए जानते हैं इस त्योहार से जुड़ी कुछ ख़ास बातें और यमराज-यमुना की अद्भुत कहानी.

भाई दूज 2025 कब है और क्या है शुभ मुहूर्त?

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है.

  • साल 2025 में भाई दूज का त्योहार 21 अक्टूबर, मंगलवार को पड़ेगा.
  • भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:29 बजे से दोपहर 03:41 बजे तक रहेगा. इस शुभ अवधि में बहनें अपने भाई का तिलक कर सकती हैं, जिसकी कुल अवधि 2 घंटे 11 मिनट की होगी.

क्या है भाई दूज से जुड़ी यमराज और यमुना की कथा?

भाई दूज का त्योहार भगवान यमराज और उनकी बहन यमुना की पौराणिक कथा से जुड़ा है. इस कहानी के अनुसार:

बहुत समय पहले, यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे, लेकिन अपनी व्यस्तता के कारण अक्सर उनसे मिलने नहीं जा पाते थे. एक दिन, यमुना ने अपने भाई को बहुत याद किया और उन्हें मिलने के लिए निमंत्रण भेजा. यमुना का बार-बार आग्रह देख यमराज आखिर एक शुभ दिन उनसे मिलने चल पड़े.

जब यमराज अपनी बहन के घर पहुँचे, तो यमुना उन्हें देखकर बहुत खुश हुईं. उन्होंने अपने भाई का बड़े प्यार से स्वागत किया, तिलक लगाया, आरती उतारी और उन्हें तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान परोसकर ख़ुद अपने हाथों से भोजन कराया. बहन का ऐसा प्रेम और सत्कार देखकर यमराज बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने यमुना से पूछा कि वह कोई भी वरदान मांग लें.

यमुना ने उस पल अपने भाई से यह अनोखा वरदान मांगा: "भाई! आप हर साल इसी दिन मेरे घर आया करें, और आज के दिन जो भाई यमुना में स्नान कर अपनी बहन के घर आकर उसके हाथों का खाना खाएगा, उसे अकाल मृत्यु का भय न रहे." यमुना ने यह भी इच्छा जताई कि इस दिन जो भी बहन अपने भाई के माथे पर प्रेम से तिलक करके उसकी लंबी आयु की प्रार्थना करेगी, उसके भाई की सभी मनोकामनाएँ पूरी होंगी और वह स्वस्थ व समृद्ध जीवन जिएगा.

अपनी बहन के प्रेम भरे आग्रह को देखकर यमराज बहुत ख़ुश हुए और 'तथास्तु' कहते हुए वरदान दे दिया. तब से यह मान्यता चली आ रही है कि भाई दूज के दिन बहन के हाथों से तिलक करवाने और उसके घर भोजन करने से भाई को लंबी आयु और जीवन में सफलता मिलती है.

भाई दूज का पर्व कैसे मनाते हैं?

इस दिन बहनें ख़ास तैयारी करती हैं. वे पूजा की थाली सजाती हैं, जिसमें कुमकुम, अक्षत (चावल), दीपक, मिठाई और फूल रखती हैं. इसके बाद वे अपने भाई को शुभ मुहूर्त में बुलाकर प्रेमपूर्वक तिलक करती हैं. तिलक के बाद, आरती उतारती हैं और अपने भाई को अपने हाथों से मिठाई, फल और ख़ास तौर पर सूखे गोले (नारियल) आदि खिलाती हैं. भाई भी इस अवसर पर अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उपहार या दक्षिणा देकर उनका आभार प्रकट करते हैं. यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मज़बूत बनाता है.

यह त्योहार भाई और बहन दोनों के लिए भावनात्मक जुड़ाव और परस्पर प्रेम को व्यक्त करने का एक ख़ूबसूरत अवसर है. तो इस भाई दूज, पूरी श्रद्धा और प्रेम से अपने भाई-बहन के साथ यह पावन पर्व मनाएँ

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