Bengali Tradition : जलती धुनुची का नाच, क्या है बंगाल के धुनुची नृत्य का रहस्य, जो दुर्गा पूजा में उड़ा देता है होश

Post

News India Live, Digital Desk: Bengali Tradition : धुनुची नाच, जिसे पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान किया जाता है, यह सिर्फ़ एक नृत्य नहीं है बल्कि यह मां दुर्गा के प्रति अटूट भक्ति, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है. यह नृत्य देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता है और दुर्गा पूजा के उत्सव में चार चांद लगा देता है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें जलती हुई धुनुची को हाथ में या मुंह में लेकर देवी की स्तुति में नाचा जाता है. यह कला सदियों से चली आ रही है और बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

धुनुची नाच का महत्व और खासियत:

  1. शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक: धुनुची नाच को शक्ति का प्रतीक माना जाता है. नाचने वाले भक्त जलती हुई धुनुची (एक तरह का मिट्टी का बर्तन, जिसमें कोयला और धूप जलाया जाता है) को लेकर ताल और लय में नाचते हैं. यह देवी दुर्गा की अग्नि शक्ति को दर्शाता है और भक्तों के भीतर छिपी ऊर्जा को उजागर करता है.
  2. मांगलिक और शुद्धिकरण: धुनुची के धुएं को पवित्र माना जाता है. यह हवा को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है. ऐसा माना जाता है कि इस धुएं और नृत्य के साथ, पूजा स्थल और उसके आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है.
  3. पुरुषों द्वारा विशेष रूप से: पारंपरिक रूप से यह नृत्य पुरुषों द्वारा किया जाता है, लेकिन अब कई महिलाएं भी इसमें हिस्सा लेती हैं. पुरुष एक, दो या कई धुनुचियों को हाथों और यहाँ तक कि अपने दांतों से पकड़कर भी नृत्य करते हैं, जो उनकी अटूट श्रद्धा और ताकत को दिखाता है.
  4. लय और भक्ति का संगम: धुनुची नाच ढोल, ढाक और कासी की पारंपरिक धुन पर किया जाता है. ये ध्वनियाँ भक्तों को और अधिक उत्साहित करती हैं और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती हैं. हर ताल के साथ भक्तों के मन में मां दुर्गा के प्रति गहरी आस्था जागृत होती है.
  5. सामुदायिक एकता: यह नृत्य केवल धार्मिक गतिविधि नहीं, बल्कि एक सामुदायिक उत्सव भी है. लोग एक साथ आते हैं, मिलकर नाचते हैं और मां दुर्गा की भक्ति में लीन होते हैं. यह एकता और भाईचारे का प्रतीक है.
  6. संकटों का नाश: माना जाता है कि धुनुची नाच करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं और उन्हें मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यह देवी की नकारात्मक शक्तियों पर विजय का उत्सव है.

कुल मिलाकर, धुनुची नाच पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा का एक अविभाज्य अंग है जो उसकी जीवंतता और धार्मिक गहराई को दर्शाता है. यह हमें मां दुर्गा की असीम शक्ति और भक्तों की अदम्य भावना की याद दिलाता है.

--Advertisement--