कैमरे के पीछे पिता 'बादशाह', कैमरे के आगे बेटी 'गुमनाम'... कहाँ खो गईं राम गोपाल वर्मा की ये हीरोइन?
बॉलीवुड की दुनिया बाहर से जितनी चकाचौंध भरी दिखती है, अंदर की हक़ीक़त उतनी ही अलग है। यहाँ हर शुक्रवार क़िस्मतें बनती और बिगड़ती हैं। यहाँ शोहरत के आसमान पर चमकने के लिए सिर्फ़ टैलेंट या किसी बड़े बाप का नाम ही काफ़ी नहीं होता, लक भी चाहिए। ऐसी ही एक कहानी है एक्ट्रेस अंतरा माली की, जिनका नाम शायद आज की पीढ़ी ने सुना भी न हो।
ये कहानी इसलिए भी ख़ास है क्योंकि अंतरा के पिता जगदीश माली, अपने ज़माने के इतने बड़े और मशहूर फ़ोटोग्राफ़र थे कि उनके कैमरे में क़ैद होने के लिए अमिताभ बच्चन से लेकर रेखा तक, हर बड़ा सुपरस्टार इंतज़ार करता था। लेकिन जब उनकी अपनी बेटी ने फ़िल्मी दुनिया में क़दम रखा, तो क़िस्मत ने कुछ और ही तय कर रखा था।
राम गोपाल वर्मा की 'खोज'
90 के दशक के आख़िर और 2000 की शुरुआत में राम गोपाल वर्मा फ़िल्म इंडस्ट्री के सबसे चर्चित डायरेक्टर्स में से एक थे। उन्हीं की नज़र अंतरा पर पड़ी। अंतरा ने अपने करियर की शुरुआत तेलुगु फ़िल्म 'प्रेमकथा' से की, जिसे राम गोपाल वर्मा ने ही प्रोड्यूस किया था। इसके बाद वो हिंदी फ़िल्मों में आईं। 'मस्त', 'कंपनी' और 'रोड' जैसी फ़िल्मों में उन्होंने काम किया। विवेक ओबेरॉय और मनोज बाजपेयी जैसे बड़े एक्टर्स के साथ स्क्रीन शेयर की। लोगों को लगा कि इंडस्ट्री को एक और बोल्ड और बिंदास हीरोइन मिल गई है।
उन्हें 'कंपनी' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फ़िल्मफ़ेयर नॉमिनेशन भी मिला। सब कुछ सही जा रहा था, लेकिन शोहरत उनसे बस दो क़दम दूर ही खड़ी रही।
जब नहीं मिली सफ़लता, तो ख़ुद संभाली कमान
कई फ़िल्मों में काम करने के बाद भी जब अंतरा को वो पहचान नहीं मिली, जिसकी उन्हें तलाश थी, तो उन्होंने एक बहुत बड़ा और সাহসী क़दम उठाया। उन्होंने ख़ुद फ़िल्म डायरेक्ट करने का फ़ैसला किया। फ़िल्म का नाम था 'तुमसे मिलकर'... जिसमें उन्होंने एक्टिंग भी की। लेकिन यह फ़िल्म कब आई और कब चली गई, किसी को पता ही नहीं चला।
इस नाकामी के बाद, अंतरा जैसे बॉलीवुड से टूट सी गईं। उन्होंने आख़िरी बार फ़िल्म 'मिस्टर या मिस' में काम किया और फिर अचानक इस चमक-दमक की दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
अब कहाँ और किस हाल में हैं अंतरा?
बॉलीवुड छोड़ने के बाद अंतरा माली ने 'GQ' मैगज़ीन के एडिटर, चे कुरियन से शादी कर ली और अपनी एक अलग दुनिया बसा ली। साल 2012 में उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया और अब वो पूरी तरह से एक हाउसवाइफ़ की ज़िंदगी जी रही हैं। वो किसी फ़िल्मी पार्टी या इवेंट में नज़र नहीं आतीं। उन्होंने ख़ुद को लाइमलाइट से इतना दूर कर लिया है कि उनकी ताज़ा तस्वीरें भी शायद ही किसी ने देखी होंगी।
यह कहानी हमें बताती है कि बॉलीवुड में टिके रहना कितना मुश्किल है। जहाँ एक तरफ कैमरे के पीछे उनके पिता ने अनगिनत सितारों की क़िस्मत चमकाई, वहीं उनकी अपनी बेटी कैमरे के सामने ख़ुद के लिए एक पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो पाई और आख़िरकार गुमनामी के अंधेरों में खो गई।
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