समस्या नहीं, समाधान का हिस्सा बनें ,दीक्षांत समारोह में CM योगी ने छात्रों को दिया सफलता का मूलमंत्र
News India Live, Digital Desk: डॉक्टर राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (RMLNLU) के दीक्षांत समारोह में शनिवार को माहौल उत्साह और उम्मीदों से भरा हुआ था। अपने जीवन की एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहे युवा कानून स्नातकों के चेहरे पर सुनहरे भविष्य के सपने थे और इन सपनों को नई उड़ान देने के लिए उनके बीच मौजूद थे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
काले रंग के गाउन और कैप पहने छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न रहने की सलाह दी, बल्कि जीवन का सबसे बड़ा पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने कहा, "आपकी सोच हमेशा सकारात्मक होनी चाहिए। आपको समस्या नहीं, बल्कि समाधान का हिस्सा बनने के बारे में सोचना होगा। दुनिया हमेशा उस व्यक्ति को पूछती है जो समाधान का रास्ता दिखाता है, न कि उसे जो खुद एक समस्या बन जाता है।"
वकीलों के बिना समाज अधूरा
मुख्यमंत्री ने कानून के पेशे के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह एक बहुत ही प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण पेशा है। उन्होंने कहा, "जैसे एक डॉक्टर शरीर का इलाज करता है, वैसे ही एक वकील समाज को सही दिशा देने का काम करता है। वकीलों के बिना यह समाज अधूरा है।" उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि भारत की आजादी की लड़ाई में ज्यादातर नेता वकील ही थे, जिन्होंने अपनी तर्क शक्ति और ज्ञान से देश को आजादी दिलाई।
'पंच प्रण' को बनाएं जीवन का आधार
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए 'पंच प्रण' (पांच संकल्प) का भी जिक्र किया। उन्होंने छात्रों से इन पांच संकल्पों—विकसित भारत का लक्ष्य, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता, और नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य का पालन—को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर देश का हर नागरिक, खासकर युवा, इन संकल्पों को अपना ले तो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज वे जिस मुकाम पर खड़े हैं, यह उनकी कड़ी मेहनत और उनके माता-पिता के त्याग का नतीजा है। अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने ज्ञान का इस्तेमाल समाज की भलाई के लिए करें। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
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