Bank Rules : GPay और PhonePe यूजर्स सावधान, UPI के नए नियम नहीं जाने तो हो सकता है नुकसान, आज ही हो जाएं अपडेट

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News India Live, Digital Desk: Bank Rules : आजकल Google Pay (GPay) और PhonePe जैसे UPI-आधारित भुगतान ऐप्स हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन गए हैं. छोटी सी किराने की दुकान से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक, हर जगह हम इनका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से जुड़े कुछ नए नियम लागू हो गए हैं, जिन्हें जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी है? इन नियमों की जानकारी न होने पर आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है या आपके ट्रांजैक्शन रुक सकते हैं.

क्या हैं UPI के ये नए नियम, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है?

Timesbull की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा समय-समय पर UPI से जुड़े नियम अपडेट किए जाते हैं. हालांकि, आपके द्वारा उल्लिखित समाचार में किसी विशेष नई तारीख या सटीक नियम का जिक्र नहीं है (सामान्यतः 1 जनवरी से UPI में होने वाले कुछ बदलावों पर पुरानी खबरें चलती रहती हैं), इसलिए सामान्य तौर पर हम कुछ महत्वपूर्ण नियमों की बात कर रहे हैं जिन्हें GPay और PhonePe जैसे ऐप्स पर ध्यान में रखना चाहिए:

  1. लेन-देन की सीमाएं (Transaction Limits):
    • दैनिक सीमा: अधिकांश बैंकों के लिए, UPI के माध्यम से एक दिन में 1 लाख रुपये तक का लेन-देन किया जा सकता है. कुछ बैंकों या खास श्रेणी (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य) के लिए यह सीमा 2 लाख से 5 लाख तक भी हो सकती है.
    • प्रति-लेन-देन सीमा: एक बार में भी लेन-देन की एक अधिकतम सीमा होती है (आमतौर पर 1 लाख रुपये).
    • छूट (कुछ खास सेवाओं में): IRCTC से ट्रेन टिकट बुक करने या कुछ विशेष भुगतान जैसे कि स्वास्थ्य या शिक्षा से संबंधित भुगतान के लिए सीमा 2 लाख या 5 लाख तक हो सकती है.
  2. छोटे लेन-देन पर चार्ज (नहीं लगता):
    • आमतौर पर, UPI से किए गए किसी भी लेन-देन (GPay, PhonePe सहित) पर कोई सीधा शुल्क नहीं लगता है, न तो भेजने वाले पर और न ही प्राप्त करने वाले पर, खासकर यदि यह पीयर-टू-पीयर (व्यक्ति से व्यक्ति) या पीयर-टू-मर्चेंट (व्यक्ति से दुकानदार) का लेन-देन है.
    • हालाँकि, हाल ही में कुछ PPI (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे वॉलेट) से किए गए मर्चेंट लेन-देन पर इंटरचेंज शुल्क लगाने की बात कही गई थी, लेकिन यह ग्राहकों पर नहीं, बल्कि व्यापारियों और सर्विस प्रोवाइडर्स पर लागू होता है. ग्राहकों के लिए UPI लेनदेन निःशुल्क हैं.
  3. लंबे समय तक निष्क्रिय UPI ID (Inoperative UPI IDs):
    • UPI इकोसिस्टम में, अगर आपकी कोई UPI ID 1 साल या उससे अधिक समय से निष्क्रिय है (कोई लेनदेन नहीं हुआ है), तो वह निष्क्रिय हो सकती है. हालांकि, सीधे तौर पर ऐसा नहीं होता कि वह रद्द हो जाए.
    • यदि कोई यूज़र लगातार 1 साल तक कोई लेनदेन नहीं करता है, तो बैंकों और UPI ऐप्स को उनके निष्क्रिय UPI आईडी को फिर से एक्टिवेट करने या नए सिरे से वेरिफिकेशन करने की प्रक्रिया के बारे में सोच विचार किया जा सकता है, ताकि किसी भी प्रकार के फ्रॉड से बचा जा सके. इससे धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी.

आपको क्या करना चाहिए?

  • अपने UPI ऐप और बैंक ऐप में जाकर दैनिक लेन-देन की सीमाएं जांचें.
  • समय-समय पर अपने UPI ऐप और बैंक ऐप के नोटिफिकेशन्स और नियम-शर्तें पढ़ते रहें.
  • यह सुनिश्चित करें कि आप अपने ऐप को हमेशा लेटेस्ट वर्जन पर अपडेटेड रखें.

UPI भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके नियमों की सही जानकारी आपको सुरक्षित और सुचारू लेनदेन करने में मदद करेगी.

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