Bangladesh Political Violence : बांग्लादेश में बीएनपी की रैली में भीषण हिंसा 4 लोगों की मौत सियासी तनाव में घिरा संस्थापक का गृह नगर
News India Live, Digital Desk: Bangladesh Political Violence : बांग्लादेश के चटगाँव जिले में राजनीतिक हिंसा का एक खूनी अध्याय सामने आया है, जहाँ एक रैली के दौरान हुई झड़पों में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दर्जनों अन्य घायल हो गए। यह घटना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के संस्थापक के गृह नगर लोहागरा उपज़िला में हुई है।
मृतकों की पहचान जाफराबाद के पूर्व संघ परिषद अध्यक्ष व बीएनपी नेता मोहम्मद यूसुफ, मोहनाई आलमगिर हुसैन (बेशल), जसमोन अहमद (बीएनपी कार्यकर्ता) और मोजाहर हुसैन (मोनी, बीएनपी कार्यकर्ता) के रूप में हुई है। सभी मृतक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से जुड़े थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हिंसा उस वक्त भड़की जब मोहम्मद यूसुफ के निधन की खबर पर बीएनपी कार्यकर्ता एकत्र हुए थे। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और रबर की गोलियां भी चलानी पड़ीं।
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये झड़पें मुख्य रूप से बीएनपी के भीतर प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच नेतृत्व और वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम थीं, जो लंबे समय से क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास में थे। लोहागरा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने मौतों की पुष्टि की है, और स्थिति को शांत करने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, कुछ रिपोर्टें सत्तारूढ़ आवामी लीग के छात्र संगठन 'बांग्लादेश छात्र लीग' के सदस्यों के शामिल होने की भी ओर इशारा कर रही हैं, जिन्होंने बीएनपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन को रोकने का प्रयास किया।
ये घटनाएँ आगामी चुनावों से पहले देश में बढ़ते राजनीतिक तनाव और अशांति का स्पष्ट संकेत देती हैं। बीएनपी ने पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पातुखाली में छात्र नेताओं पर पुलिस बल के इस्तेमाल के बाद देश भर में रैलियों का आह्वान किया है, जो देश भर में और भी तनाव बढ़ने का संकेत है। इस तरह की हिंसक झड़पें बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में लगातार बढ़ती चुनौतियों और बिगड़ती कानून-व्यवस्था की ओर इशारा करती हैं, जहाँ विरोध प्रदर्शन और रैलियां अक्सर जानलेवा संघर्ष में बदल जाती हैं।
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