बीयर पीने वालों के लिए बुरी ख़बर! बाज़ार में क्यों होने वाली है ज़बरदस्त कमी?
सोचिए, दिवाली की पार्टी चल रही हो, क्रिकेट का फ़ाइनल मैच हो, या नए साल का जश्न... और आप एक ठंडी बीयर की कैन खोलने जाएं, लेकिन दुकान पर आपको आपकी पसंदीदा ब्रांड मिले ही नहीं!
जी हाँ, यह डर अब हक़ीक़त बन सकता है। देश की पूरी बीयर इंडस्ट्री इस वक़्त एक ऐसे बड़े और अजीब संकट में फँस गई है, जिसकी वजह से आने वाले फेस्टिव सीज़न में बीयर की भारी कमी हो सकती है।
तो आख़िर हुआ क्या है?
मामला 'कंटेनर' का है, मतलब उन एल्युमिनियम कैन्स (aluminium cans) का, जिनमें बीयर भरकर बेची जाती है। हुआ यह है कि भारत में इन कैन्स की ज़बरदस्त किल्लत हो गई है। कंपनियाँ बीयर बनाने को तैयार बैठी हैं, लेकिन उनके पास उसे भरने के लिए कैन ही नहीं हैं!
इस 'कैन-कटौती' की वजह क्या है?
इसकी जड़ में सरकार का एक नया नियम है। सरकार ने क्वालिटी बनाए रखने के लिए एक 'क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर' (QCO) लागू किया है। इस नियम के तहत, भारत में इस्तेमाल होने वाली हर एल्युमिनियम कैन पर बीआईएस (Bureau of Indian Standards) का सर्टिफ़िकेशन यानी एक क्वालिटी का ठप्पा होना ज़रूरी है, चाहे वो कैन भारत में बनी हो या विदेश से आई हो।
अब पेंच यहीं फँस गया है। भारत में इतनी कैन्स नहीं बनतीं कि सबकी ज़रूरत पूरी हो सके, इसलिए कंपनियाँ काफ़ी हद तक विदेशों से आने वाली कैन्स पर निर्भर रहती हैं। लेकिन, ज़्यादातर विदेशी सप्लायर्स ने अभी तक यह BIS सर्टिफ़िकेशन नहीं लिया है।
नतीजा? विदेशों से आने वाली कैन्स का आयात (import) लगभग व्यापार ठप्प पड़ गया है और देश में कान्स की भारी कमी हो गई है।
अब कंपनियाँ क्या चाहती हैं?
बीयर इंडस्ट्री की नींद उड़ी हुई है क्योंकि दिवाली से लेकर क्रिसमस और नए साल तक का समय उनकी बिक्री का सबसे बड़ा सीज़न होता है। अगर कैन नहीं मिलीं, तो उन्हें हज़ारों करोड़ का नुकसान हो जाएगा।
इसलिए, सभी प्रमुख बीयर निर्माता कंपनियाँ एकजुट होकर सरकार से गुहार लगाने आई हैं। उन्होंने उद्योग मंत्रालय (DPIIT) को पत्र लिखकर कहा है, "महोदय, कृपया हमें इस नियम से फिलहाल एक साल की छूट दी जाए।"
उनकी माँग है कि उन्हें एक साल के लिए बिना BIS प्रमाणन के कैन आयात करने की अनुमति दी जाए। इस एक साल में विदेशी आपूर्तिकर्ता भी प्रमाणन प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे और आगे कोई समस्या नहीं होगी।
अब गेंद सरकार के पाले में है। अगर सरकार यह राहत नहीं देती है, तो इस बार पार्टियों में आपकी पसंदीदा बीयर का कैन मेनू से गायब हो सकता है।
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