August Panchak 2025 Me Kab Hai जानिए कब से लग रहा है अशुभ योग और क्या करें, क्या न करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगस्त 2025 में पंचक का योग बन रहा है, जो कुछ खास प्रकार के कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। इस बार पंचक 10 अगस्त, रविवार को सुबह 2:12 बजे से शुरू होकर 14 अगस्त, गुरुवार को शाम 9:06 बजे तक रहेगा। यह अवधि "रोग पंचक" के रूप में जानी जाती है, क्योंकि इसकी शुरुआत रविवार को हो रही है, जो इन दिनों में सावधानी बरतने का संकेत देता है।
क्या हैं पंचक?
पंचक काल तब माना जाता है जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि से गुजरता है। यह पांच विशेष नक्षत्रों - धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती - के संयोग से बनता है। इन नक्षत्रों के दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने की मनाही होती है, क्योंकि इन्हें अशुभ माना जाता है।
अगस्त 2025 में पंचक और रोग पंचक का प्रभाव:
रविवार को शुरू होने वाले पंचक को "रोग पंचक" कहा जाता है। इसके प्रभाव से कुछ क्षेत्रों में बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ सकती हैं। इसलिए, इस अवधि में यात्रा करना, महत्वपूर्ण सौदे करना या नए व्यवसाय शुरू करना विशेष रूप से वर्जित है। शास्त्रोक्त मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने से धन हानि या अन्य परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
पंचक के दौरान क्या न करें:
दक्षिण दिशा की यात्रा से बचें।
घर का निर्माण या छत डालना जैसे कार्य न करें।
लकड़ी, बांस या इससे बनी कोई भी वस्तु खरीदना या जमा करना अशुभ माना जाता है।
नई खटिया, चारपाई, बिस्तर या कुर्सी आदि खरीदना या बनाना निषेध है।
गैस, पेट्रोल, या किसी भी प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ का संचय न करें।
किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि से बचें।
अनिवार्य न होने पर बाल या नाखून काटने से बचें।
क्या करें?
भगवान विष्णु और शिव की पूजा करें।
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।
गाय को हरा चारा खिलाने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
इस अवधि में धैर्य रखें और अनावश्यक जल्दबाजी से बचें।
पंचक के बारे में मान्यताएं:
माना जाता है कि यदि पंचक के दौरान किसी की मृत्यु होती है, तो इससे उस परिवार में आगे भी मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में, शांति के लिए विशेष पूजा-पाठ (जैसे आटे के पांच पुतले बनाकर उनके साथ अंतिम संस्कार करना) करने का विधान है।
--Advertisement--