आख़िर वही हुआ जिसका डर था! 110 की रफ़्तार से 'मोंथा' ने मचाई भारी तबाही, यूपी-बिहार तक असर, एक की मौत
नाम था 'खुशबूदार फूल', लेकिन अपने साथ लाया विनाश और बर्बादी का मंज़र! चक्रवाती तूफ़ान 'मोंथा' ने मंगलवार की रात आंध्र प्रदेश के तटीय इलाक़ों में ऐसा क़हर बरपाया कि दक्षिण भारत के कई राज्यों में ज़िंदगी की रफ़्तार थम गई। 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार वाली हवाओं के साथ जब यह गंभीर चक्रवाती तूफ़ान तट से टकराया, तो इसने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को तहस-नहस कर दिया।
कहाँ और कैसे टकराया तूफ़ान?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मोंथा तूफ़ान मंगलवार रात आंध्र प्रदेश के मछिलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के पास ज़मीन से टकराया। उस वक़्त हवा की रफ़्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच थी। समंदर में ऊँची-ऊँची लहरें उठने लगीं और देखते ही देखते सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे ताश के पत्तों की तरह उखड़कर गिर गए।
एक की मौत, कई घायल
आंध्र प्रदेश के कोनसीमा ज़िले में तूफ़ान के कारण एक बुज़ुर्ग महिला की दर्दनाक मौत हो गई, जब एक बड़ा पेड़ तेज़ हवाओं के कारण उनके घर पर आ गिरा। इसी ज़िले में नारियल के पेड़ गिरने से एक लड़का और एक ऑटो चालक भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
अब इन राज्यों पर है खतरा! यूपी-बिहार तक अलर्ट
इस तूफ़ान का क़हर सिर्फ़ आंध्र प्रदेश तक ही सीमित नहीं है। अब इसका असर ओडिशा, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार तक पहुँचने लगा है।
- भारी से बहुत भारी बारिश: मौसम विभाग ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, विदर्भ और सौराष्ट्र-कच्छ में अगले 24 घंटों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
- यूपी-बिहार समेत इन राज्यों में भी अलर्ट: बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा में भी भारी बारिश की संभावना है। उत्तर प्रदेश के भी पूर्वी इलाक़ों में आँधी-तूफ़ान और बिजली कड़कने का अलर्ट जारी किया गया है।
- तेज़ हवाओं का कहर: छत्तीसगढ़, तेलंगाना, विदर्भ और केरल में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएँ चल सकती हैं, जबकि तटीय इलाक़ों में इनकी रफ़्तार और भी ज़्यादा हो सकती है।
मछुआरों को समंदर में न जाने की सख़्त चेतावनी
मौसम विभाग ने साफ़ तौर पर कहा है कि अगले कुछ दिनों तक समुद्र में ऊँची लहरें उठेंगी और हालात बहुत ख़तरनाक बने रहेंगे। इसलिए कर्नाटक, गोवा, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और बंगाल के मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख़्त हिदायत दी गई है।
'मोंथा' ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि समुद्री तूफ़ानों का असर अब सिर्फ़ तटीय राज्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी विनाशलीला की पहुँच देश के अंदरूनी हिस्सों तक भी हो सकती है। आपदा प्रबंधन की टीमें हाई अलर्ट पर हैं और संवेदनशील इलाक़ों में राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया गया है।
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