Astrological Effects: 28 जुलाई तक मंगल-केतु की अशुभ युति जानें करियर जीवन पर संकट और बचाव के उपाय

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News India Live, Digital Desk: Astrological Effects: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की युति का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आजकल मंगल और केतु का मिलन एक विशेष युति का निर्माण कर रहा है, जिसे ज्योतिष में "अंगारक योग" के नाम से जाना जाता है। इस युति को अत्यंत अशुभ माना जाता है और यह लगभग 28 जुलाई, 2025 तक सक्रिय रहेगी, जिसके चलते लोगों को विभिन्न चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान करियर और जीवन दोनों पर कई प्रकार के अप्रत्याशित खतरे मंडरा सकते हैं।

इस अंगारक योग के कारण सबसे पहले व्यक्ति के मन और स्वभाव पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर देखा गया है कि इससे लोगों में अत्यधिक गुस्सा, तनाव और भय बढ़ सकता है। आत्मविश्वास की कमी महसूस होने लगती है, जिससे छोटी-मोटी बातों पर भी निराशा और चिड़चिड़ापन हावी हो जाता है। रिश्तों में तकरार बढ़ने की संभावना रहती है, क्योंकि क्रोध पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि इस समय शांत और संयमित रहना बेहद महत्वपूर्ण है।

इस ज्योतिषीय संयोग का असर व्यक्तिगत जीवन से लेकर व्यावसायिक मोर्चे तक देखा जा सकता है। करियर में अचानक बाधाएं आ सकती हैं या व्यापार में अप्रत्याशित नुकसान हो सकता है। आर्थिक निर्णय लेते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि गलत फैसलों से धन हानि का योग बन सकता है। सबसे गंभीर चेतावनी यह है कि यह अवधि दुर्घटनाओं का भी कारक बन सकती है। यात्राओं के दौरान विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अचानक चोट लगने या अप्रिय घटना होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अनावश्यक यात्राओं से बचने की कोशिश करें।

इस नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष में कुछ सरल और प्रभावी उपाय सुझाए गए हैं। पहला और सबसे महत्वपूर्ण उपाय है अपने मन को शांत रखना और गुस्से पर काबू पाना। किसी भी परिस्थिति में आवेग में आकर कोई फैसला न लें। धार्मिक उपायों के रूप में भगवान शिव का पूजन और "ओम नमः शिवाय" मंत्र का नियमित जाप अत्यंत फलदायी माना गया है। भगवान हनुमान की पूजा करना भी मंगल और केतु के अशुभ प्रभाव को शांत करने में सहायक होता है, क्योंकि हनुमान जी को बल और बुद्धि का दाता माना जाता है और वे मंगल ग्रह से संबंधित हैं। इन दिनों में जितना हो सके, परोपकारी कार्य करें और सकारात्मक विचारों को अपनाएं।

संक्षेप में, 28 जुलाई तक की यह अवधि कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन यदि व्यक्ति ज्योतिषीय मार्गदर्शन और सुझाए गए उपायों का पालन करे, तो वह इन प्रभावों को काफी हद तक कम कर सकता है और स्वयं को व अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रख सकता है।

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