सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर को 'शतरंज का खेल' बताया, पाकिस्तान के जीत के दावे का मज़ाक उड़ाया

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भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को एक शतरंज के खेल के रूप में वर्णित किया है, जिसमें दोनों पक्षों ने रणनीतिक चालें चलीं और अंतिम रूप से भारत ने पाकिस्तान को 'चेकमेट' दिया। उन्होंने इस ऑपरेशन को "ग्रे जोन" (grey zone) मिशन बताया, जो पूर्ण पारंपरिक युद्ध से थोड़ा अलग था। इसका मतलब यह है कि यह ऑपरेशन परंपरागत सैन्य कार्रवाई से कम था, लेकिन फिर भी भारी रणनीतिक सफलता हासिल की गई।

जनरल द्विवेदी ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान उन्हें यह नहीं पता था कि शत्रु अगला कदम क्या उठाएगा और वे खुद क्या कर रहे थे। यह अनिश्चितता और रणनीतिक दक्षता का उच्चतम स्तर था। उन्होंने इस मिशन को अत्यंत सावधानीपूर्वक और सूचित ढंग से अंजाम दिया, जिसमें कई जोखिम शामिल थे, लेकिन यह निर्णय लेने की स्वतंत्रता उन्हें उस समय सरकार द्वारा पूरी तरह दी गई, जिससे ऑपरेशन सफल हुआ।

जनरल ने पाकिस्तान की उस कथित "जीत" की व्यंग्यपूर्ण आलोचना की, जिसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रचारित किया। उन्होंने इस तारीख़ पर तंज कसा कि अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछेंगे कि वे हारे या जीते, तो वे कहेंगे: "हमारे चीफ को फील्ड मार्शल बना दिया गया, इसलिए हम जरूर जीते हैं।" यह पाकिस्तान आर्मी चीफ एसिम मुनिर के फील्ड मार्शल पदोन्नति के संदर्भ में कहा गया था, जिसे जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान की संगठित गलत जानकारी प्रणाली का हिस्सा बताया।

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को देश के लिए एक पहचान बनाने वाला मिशन बताया, जिसका नाम इस तरह चुना गया कि उसने पूरे देश को जोड़ दिया। यह ऑपरेशन अप्रैल 22, 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में मई 7, 2025 को किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकवादी अड्डों पर सटीक हमले किए और 100 से अधिक आतंकवादियों को खत्म किया गया।

जनरल द्विवेदी ने बताया कि यह ऑपरेशन तकनीकी और रणनीतिक दोनों दृष्टिकोण से एक नया अध्याय था, जहां आधुनिक युद्ध में सूचना युद्ध और रणनीतिक संदेश भी महत्वपूर्ण थे। भारत ने सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सही संदेश जनता तक पहुँचाया, जिससे वैश्विक स्तर पर “न्याय हुआ” का संदेश गूंजा।

इस पूरे ऑपरेशन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति और स्पष्ट दिशा-निर्देशों ने सेना को पूरी स्वतंत्रता प्रदान की, जिससे प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई संभव हुई।

संक्षेप में, ऑपरेशन सिंदूर भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ एक चुस्त, सावधानीपूर्वक और सफल अभियान था, जिसने न केवल आतंकवादी अवसंरचना को बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया, बल्कि पाकिस्तान की झूठी विजय की कथाओं को भी ध्वस्त किया।

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