American Jobs : ट्रम्प फिर बोले टैरिफ़ मेरा पसंदीदा शब्द , क्या उनकी इस जिद्द से सच में अमीर बन रहा है अमेरिका?

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News India Live, Digital Desk: American Jobs : आपने ज़रूर सुना होगा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. और जब बात अर्थव्यवस्था और व्यापार नीति (Trade Policy) की आती है, तो उनके विचार अक्सर बिल्कुल अलग होते हैं. हाल ही में उनका एक और बयान चर्चा में है, जहाँ उन्होंने बड़े ही जोशीले अंदाज़ में कहा है कि "टैरिफ़ (Tariff) मेरा पसंदीदा शब्द है" और कि अमेरिका (America) इसकी बदौलत "बेहद अमीर बन रहा है." आइए, इसी बात को थोड़ा सरल भाषा में समझते हैं.

असल में, डोनाल्ड ट्रम्प शुरू से ही 'टैरिफ़' यानी आयात शुल्क के बड़े समर्थक रहे हैं. आयात शुल्क उन टैक्सों को कहते हैं जो दूसरे देशों से आने वाले सामानों पर लगाए जाते हैं. उनका मानना है कि जब हम दूसरे देशों के उत्पादों पर ज़्यादा टैक्स लगाते हैं, तो वे उत्पाद हमारे बाज़ार में महंगे हो जाते हैं. इससे दो चीज़ें होती हैं:

  • पहला, अमेरिकी कंपनियां प्रतिस्पर्धा में बेहतर हो पाती हैं, क्योंकि उनके सामान उतने महंगे नहीं लगते.
  • दूसरा, इससे विदेशी कंपनियाँ अमेरिका में ही अपने कारखाने लगाने पर मजबूर होती हैं, जिससे देश में नौकरियां पैदा होती हैं.

ट्रम्प की सोच है कि इस तरह से अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग (American Manufacturing) को बढ़ावा मिलता है और अमेरिकी कंपनियों को फ़ायदा होता है, जिससे देश आर्थिक रूप से ज़्यादा मज़बूत होता है. उनका मानना है कि इन शुल्कों से दूसरे देश अमेरिका से सामान ख़रीदने के लिए प्रेरित होते हैं, या फिर उन्हें बराबरी का व्यवहार करना पड़ता है.

उनके कार्यकाल में भी उन्होंने कई देशों, ख़ासकर चीन (China), पर ऐसे शुल्क लगाए थे, जिसे "व्यापार युद्ध" (Trade War) का नाम दिया गया था. उनके हिसाब से ये नीतियाँ अमेरिका को सिर्फ़ "अमीर" नहीं, बल्कि "बेहद अमीर" बना रही हैं.

हालांकि, इकोनॉमिस्ट और जानकार इस बात पर बंटे हुए हैं. कुछ का मानना है कि इससे वाकई घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलता है, जबकि कई दूसरे कहते हैं कि टैरिफ़ अंततः उपभोक्ता (Consumer) के लिए महंगे सामान का मतलब होता है, क्योंकि आयात शुल्क का बोझ कहीं न कहीं आख़िरकार ग्राहक पर ही पड़ता है. उनका तर्क है कि ये व्यापार को बाधित करता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है.

पर यह तो साफ़ है कि डोनाल्ड ट्रम्प अपने 'अमेरिका फ़र्स्ट' (America First) के एजेंडे पर पूरी तरह कायम हैं और आयात शुल्क को वो अपनी आर्थिक नीति का एक मज़बूत हथियार मानते हैं.

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