Allegations of fake Encounter: झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन सरकार से जवाब तलब किया, DGP पर भी तल्ख टिप्पणी
- by Archana
- 2025-07-31 17:05:00
News India Live, Digital Desk: Allegations of fake Encounter: झारखंड हाई कोर्ट ने अमन साहू कथित मुठभेड़ मामले में हेमंत सोरेन सरकार की निष्क्रियता पर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि एक साल बाद भी इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज क्यों नहीं की गई, जबकि सीआईडी ने दो महीने की जांच में मुठभेड़ की पुष्टि कर दी थी, पर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सरकार को लताड़ लगाते हुए मौखिक रूप से कहा कि "कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह पुलिस महानिदेशक (DGP) ही क्यों न हों। अदालत ने सरकार से मामले में देरी का विस्तृत जवाब मांगा है और साफ किया कि वह इसकी बारीकी से निगरानी करती रहेगी।
अमन साहू की मां किरण देवी ने याचिका दायर कर इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया था और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने यह शिकायत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज कराई थी, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।उनकी याचिका में आरोप लगाया गया था कि 11 मार्च को अमन साहू को रायपुर केंद्रीय जेल से रांची में एनआईए कोर्ट लाया जा रहा था, तब उसे पलामू में एक साजिश के तहत मुठभेड़ में मार दिया गया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने पहले अमन साहू को मुठभेड़ में मारने की धमकी दी थी।
कोर्ट ने राज्य सरकार से किरण देवी द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका (IA) पर जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा उठाए गए इस तर्क को गंभीरता से लिया कि राज्य जानबूझकर सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने या उन्हें नष्ट करने के लिए मामले में देरी कर रहा है, खासकर कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDRs) जैसे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को सुरक्षित रखने की सीमित अवधि को देखते हुए।
यह मामला न्याय प्रणाली में नागरिकों के विश्वास को कमजोर करने और अतिरिक्त-न्यायिक हत्याओं व पुलिस जवाबदेही से संबंधित गंभीर चिंताएं उठाता है।
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