Airport in Bihar : 92 साल बाद पूर्णिया से फिर उड़ान भरेंगे सपने, PM मोदी करेंगे एयरपोर्ट का उद्घाटन
News India Live, Digital Desk: Airport in Bihar : सीमांचल और उत्तर-पूर्वी बिहार के लोगों का दशकों पुराना सपना अब हकीकत में बदलने जा रहा है। करीब 92 साल के लंबे इंतजार के बाद पूर्णिया की धरती से एक बार फिर यात्री विमान उड़ान भरने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल्द ही इस नवनिर्मित एयरपोर्ट का उद्घाटन किए जाने की उम्मीद है, जिसके बाद यह इलाका सीधे देश के बड़े महानगरों से हवाई मार्ग के जरिए जुड़ जाएगा।
क्या है पूर्णिया का गौरवशाली हवाई इतिहास?
यह जानकर हैरानी होती है कि जब देश में लोग बैलगाड़ी से सफर करते थे, तब पूर्णिया का नाता हवाई उड़ानों से जुड़ चुका था।
- 1933 का ऐतिहासिक दिन: 3 अप्रैल, 1933 को पूर्णिया की धरती से दो विमानों ने उड़ान भरी थी।इसका मकसद दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की पहली तस्वीरें लेना था।
- 1956 की पहली व्यावसायिक उड़ान: इसके बाद साल 1956 में पूर्णिया से कोलकाता के लिए पहली व्यावसायिक उड़ान शुरू हुई, लेकिन यह कुछ ही समय चल सकी
- 1963 में बना एयरफोर्स स्टेशन: 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद यहां वायुसेना स्टेशन की स्थापना की गई। इसके बाद भी 1976-78 और 2012-13 में छोटी अवधि के लिए उड़ानें शुरू हुईं, लेकिन स्थायी रूप से चल नहीं पाईं।
अब सीमांचल भरेगा विकास की उड़ान
केंद्र सरकार की 'उड़ान' (UDAN - उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत तैयार हुआ यह एयरपोर्ट अब बिहार का चौथा सिविलियन एयरपोर्ट होगा।
- बदल जाएगी कनेक्टिविटी: अब तक पूर्णिया और आसपास के जिलों जैसे अररिया, कटिहार और किशनगंज के लोगों को फ्लाइट पकड़ने के लिए घंटों का सफर तय कर पटना या बागडोगरा जाना पड़ता था। इस एयरपोर्ट के शुरू होने से समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
- दिल्ली-कोलकाता से सीधी उड़ान: शुरुआती चरण में इंडिगो एयरलाइंस यहां से दिल्ली और कोलकाता जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करेगी। आने वाले समय में मुंबई और बेंगलुरु जैसे अन्य शहरों को भी जोड़ने की योजना है।
- आधुनिक सुविधाओं से लैस टर्मिनल: करीब 34 करोड़ रुपये की लागत से बने नए टर्मिनल भवन में एक साथ 300 यात्रियों को संभालने की क्षमता है इसमें चेक-इन काउंटर, बैगेज स्कैनर और स्थानीय मंजूषा कला से सजी दीवारों जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
- अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार: इस एयरपोर्ट के खुलने से न सिर्फ यात्रा आसान होगी, बल्कि सीमांचल क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय व्यवसायों के लिए राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा और इलाके में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे।
लंबे इंतजार और कई बाधाओं के बाद पूर्णिया एयरपोर्ट का शुरू होना इस क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरुआत है, जो यहां के लोगों की उम्मीदों और सपनों को नई ऊंचाईयों तक ले जाने का वादा करता है।
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