दिल्ली-एनसीआर में हवा आपातकाल, AQI 600 के पार, नोएडा-गुड़गांव में सांस लेना हुआ मुश्किल

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News India Live, Digital Desk: दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खतरनाक रूप से खराब हो चुकी है, और हालात एक "एयर इमरजेंसी" जैसे बन गए हैं. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 601 के गंभीर स्तर पर पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है. दिल्ली के साथ-साथ नोएडा और गुड़गांव जैसे शहरों में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जहाँ लोगों के लिए सांस लेना तक दूभर हो गया है.

आसमान में छाई धुंध की मोटी परत सिर्फ कोहरा नहीं, बल्कि जहरीले कणों का एक खतरनाक मिश्रण है. AQI का 601 के स्तर पर पहुंचना यह बताता है कि हवा में प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना ज्यादा है और यह हर उम्र के लोगों के लिए खतरनाक है. इस हवा में सांस लेना, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.

नोएडा और गुड़गांव भी "एयर इमरजेंसी" जोन में

सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि एनसीआर के दूसरे बड़े शहर जैसे नोएडा और गुड़गांव भी प्रदूषण की इस मार से बुरी तरह प्रभावित हैं. इन शहरों में भी AQI 'खतरनाक' श्रेणी में बना हुआ है, जिससे ये इलाके "एयर इमरजेंसी" जोन में तब्दील हो गए हैं. धीमी हवा की गति और मौसम के बदलाव के कारण प्रदूषक तत्व हवा में एक जगह ठहर गए हैं, जिससे हालात और भी खराब हो गए हैं.

क्या है AQI 601 का मतलब?

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हवा में मौजूद प्रदूषण के स्तर को मापने का एक पैमाना है.

  • 0-50: अच्छा
  • 51-100: संतोषजनक
  • 101-200: मध्यम
  • 201-300: खराब
  • 301-400: बहुत खराब
  • 401-500: गंभीर
  • 500+ : खतरनाक/आपातकाल

AQI का 600 के पार जाना 'खतरनाक' या 'आपातकाल' की श्रेणी में आता है. इसका सीधा मतलब है कि हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे जितना हो सके घरों के अंदर रहें और बाहर निकलते समय अच्छी क्वालिटी का मास्क जरूर पहनें. खासकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है, तब बाहर निकलने से बचना चाहिए.

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