Aghan Maas 2025: जानिए कब से शुरू हो रहा है भगवान कृष्ण का प्रिय महीना मार्गशीर्ष, जिसका हर दिन है एक उत्सव
News India Live, Digital Desk : हिन्दू पंचांग में हर महीने का अपना एक विशेष महत्व होता है, लेकिन 'मार्गशीर्ष' का महीना इन सबमें ख़ास है. इसे 'अगहन' के नाम से भी जाना जाता है. यह महीना इतना पवित्र और महत्वपूर्ण है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में इसे अपना ही स्वरूप बताया है. उन्होंने कहा है- "मासानां मार्गशीर्षोऽहम्" अर्थात "महीनों में, मैं मार्गशीर्ष हूँ." इसी एक बात से इस महीने की महिमा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. आइए जानते हैं कि साल 2025 में यह पावन महीना कब से शुरू हो रहा है और इसका इतना महत्व क्यों है.
मार्गशीर्ष (अगहन) 2025 कब से कब तक?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन से मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होती है. साल 2025 में मार्गशीर्ष का महीना 16 नवंबर, दिन रविवार से शुरू हो रहा है और इसका समापन 15 दिसंबर, दिन सोमवार को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ होगा.
क्यों ख़ास है यह महीना?
- श्रीकृष्ण को है अत्यंत प्रिय: यह पूरा महीना भगवान कृष्ण की भक्ति के लिए समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि इस महीने में श्रद्धापूर्वक श्रीकृष्ण की उपासना करने से वे बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं.
- स्नान और दान का विशेष महत्व: पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी महीने से सतयुग का आरंभ हुआ था. इसलिए, मार्गशीर्ष में पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस महीने में किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से गंगा स्नान के समान पुण्य मिलता है. साथ ही, इस दौरान किए गए दान का फल कई गुना होकर वापस मिलता है.
- शंख पूजा की परंपरा: मार्गशीर्ष के महीने में शंख की पूजा को भी बहुत फलदायी माना गया है, क्योंकि शंख को भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का प्रतीक माना जाता है. साधारण शंख को भी पांचजन्य शंख मानकर उसकी पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है.
यह महीना जप, तप और ध्यान के लिए सर्वोत्तम माना गया है. इस दौरान भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करना और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना अत्यंत कल्याणकारी होता है
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