लड़ाई के बाद पति-पत्नी एक-दूसरे का चेहरा नहीं देखना चाहते? बस ये 3 काम करें, प्यार फिर से परवान चढ़ेगा
खट्टी-मीठी नोकझोंक:पति-पत्नी का रिश्ता बिल्कुल ‘चाय’ जैसा होता है-कभी मीठा, तो कभी अदरक वाली कड़क तीखी। ऐसा कोई घर नहीं, जहाँ बर्तन न खड़कते हों। झगड़े होना आम बात है, बल्कि कभी-कभी तो ये झगड़े ही वो यादें बन जाते हैं जिन पर बुढ़ापे में आप दोनों हँसेंगे।
लेकिन समस्या तब होती है जब ये झगड़े बहस का रूप ले लेते हैं और बात 'अहंकार' (Ego) पर आ जाती है। छोटी सी बात का बतंगड़ बन जाता है और घर का माहौल भारी हो जाता है। अगर आपकी भी अपने पार्टनर से कहासुनी हो गई है, तो टेंशन न लें। रिश्ते को वापस पटरी पर लाने के लिए बस थोड़ी समझदारी और थोड़ा सब्र चाहिए। आइये जानते हैं कैसे।
1. जुबान पर लगाम: 'पॉज बटन' दबाएं
गुस्सा एक ऐसी आग है जो जलती तो दूसरे के लिए है, पर सबसे ज्यादा नुकसान अपना करती है। झगड़े के दौरान अक्सर हम वो बातें बोल जाते हैं जो हम सच में मीन (Mean) नहीं करते, लेकिन वे शब्द साथी के दिल में चुभ जाते हैं।
- क्या करें:जब माहौल गरम हो, तो शांत हो जाना ही सबसे बड़ी समझदारी है। वहां से थोड़ी देर के लिए हट जाएं। पानी पिएं। जब दोनों का गुस्सा ठंडा हो जाए, तब आमने-सामने बैठकर बात करें। चुप्पी साधना बुरा नहीं है, अगर वो रिश्ते को बचा ले।
2. पहले 'सुनो', फिर 'सुनाओ'
अक्सर झगड़े इसलिए लम्बे खिंचते हैं क्योंकि हम सुनने के लिए नहीं, बल्कि जवाब देने के लिए सुनते हैं। दोनों को लगता है, "मेरी बात सही है।"
- क्या करें:अपनी ढाल नीचे रखें। अपने पार्टनर की पूरी बात ध्यान से सुनें। उनके नज़रिए को समझने की कोशिश करें। हो सकता है उन्हें कोई और बात परेशान कर रही हो। जब सामने वाला देखता है कि आप उन्हें तवज्जो दे रहे हैं, तो उनका आधा गुस्सा वैसे ही पिघल जाता है।
3. 'माफी' मांगने से कोई छोटा नहीं होता
ये तीन शब्द-"आई एम सॉरी" या “मेरी गलती थी”-किसी जादू से कम नहीं हैं। गलती आपकी है, तो बिना किसी ईगो के माफी मांग लें। यह कमजोरी की नहीं, बल्कि इस बात की निशानी है कि आपके लिए आपकी जिद से ज्यादा अहमियत आपका रिश्ता रखता है। माफी मांगने से रिश्ता कमजोर नहीं, बल्कि लोहे जैसा मजबूत होता है।
स्पेशल टिप: पतियों के लिए (रूठी पत्नी को कैसे मनाएं?)
अगर "श्रीमती जी" का मूड खराब है और गलती आपकी है (या नहीं भी है), तो तर्क-वितर्क (Logic) से काम नहीं चलेगा, वहां जज्बात (Emotion) चलेंगे।
- भावनाओं को समझें:बहस मत करें। बस उनके पास जाएं और कहें, "मुझे पता है मेरी इस बात से तुम्हें तकलीफ पहुंची है, और मुझे इसका बेहद अफ़सोस है।"
- भरोसा दिलाएं:सिर्फ सॉरी न कहें, बल्कि यह जताएं कि आगे से आप ख्याल रखेंगे। जब पत्नी देखती है कि पति को सच में पछतावा है, तो उनका गुस्सा अपने आप शांत हो जाता है। याद रखें, झगड़ा जीतना मकसद नहीं है, दिल जीतना मकसद है।
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