Rajasthan : हार के बाद एक्शन मोड में गहलोत, जिला अध्यक्षों को दिए 2 बड़े मंत्र, BJP के खिलाफ बनाया यह मास्टरप्लान
News India Live, Digital Desk : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजस्थान में भले ही सियासी शांति दिख रही हो, लेकिन कांग्रेस के खेमे में अंदर ही अंदर 2025 की बड़ी लड़ाई की तैयारी शुरू हो चुकी है. इस तैयारी की कमान खुद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने संभाल ली है. हाल ही में उन्होंने प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों (District Presidents) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें हार की समीक्षा तो हुई ही, साथ ही भविष्य की रणनीति पर भी मंथन हुआ.
यह बैठक सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि इसमें गहलोत ने पार्टी की अगली दिशा तय कर दी. उन्होंने साफ संदेश दिया है कि अब चैन से बैठने का समय नहीं जमीन पर उतरकर काम करने का वक्त आ गया है.
लोकसभा की हार से सबक और भविष्य की चुनौती पर फोकस
इस बैठक का मुख्य एजेंडा था लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का पोस्टमॉर्टम करना. अशोक गहलोत ने हर जिला अध्यक्ष से उनके क्षेत्र का फीडबैक लिया और यह समझने की कोशिश की कि कहां कमी रह गई. लेकिन उनकी नजरें सिर्फ बीती हुई हार पर बल्कि आने वाली चुनौतियों पर थीं.
उन्होंने जिला अध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अब पूरा ध्यान आगामी पंचायत चुनाव, निकाय चुनाव और उपचुनावों पर लगाना है. गहलोत का मानना है कि यही वो लड़ाइयां जो 2028 के विधानसभा चुनाव की नींव रखेंगी.
गहलोत ने जिला अध्यक्षों को दिए ये 'दो Erfolgsmantras'
बैठक में अशोक गहलोत ने संगठन को फिर से मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए दो बड़े मंत्र दिए:
- संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करो: गहलोत ने जोर देकर कहा कि चुनाव सिर्फ बड़े नेताओं के दम पर नहीं जीते जाते. असली लड़ाई बूथ पर होती . उन्होंने निर्देश दिया कि हर बूथ पर कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद होने चाहिए और पार्टी की विचारधारा को घर-घर तक पहुंचाना चाहिए.
इस बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि अशोक गहलोत अब भी राजस्थान कांग्रेस की राजनीति के केंद्र में हैं और आने वाले समय में वह विपक्ष की भूमिका को और आक्रामक बनाने वाले हैं. उन्होंने जिला अध्यक्षों को कमर कसने का संदेश दे दिया ہے, जिसका असर जल्द ही प्रदेश की सड़कों पर भी दिखने लगेगा.
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