Actress Story : क्योंकि सास भी कभी बहू थी फेम जया भट्टाचार्य ने खोले दर्द भरे राज़
News India Live, Digital Desk: Actress Story : लोकप्रिय टीवी सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में पायल के किरदार से घर-घर में पहचान बनाने वाली मशहूर अभिनेत्री जया भट्टाचार्य ने अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला और संवेदनशील खुलासा किया है। 47 वर्षीय जया ने अपने बचपन के एक ऐसे दर्द को साझा किया है, जिसके कारण उन्हें एक समय अपनी ही मां से 'नफरत' हो गई थी। उनकी इस कहानी ने न केवल उनके फैंस को चौंकाया है, बल्कि मानसिक और शारीरिक शोषण के दीर्घकालिक प्रभावों पर भी प्रकाश डाला है।
हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में जया भट्टाचार्य ने बताया कि उनके बचपन का एक हिस्सा ऐसा था, जब उनकी मां उन्हें अक्सर शारीरिक रूप से दंडित करती थीं, और यह दंड सामान्य डांट-फटकार से कहीं अधिक था। उन्होंने सीधे तौर पर बताया कि उनकी मां ने उन्हें जूतों से पीटा था। यह घटना उनके बालमन पर इतनी गहरी चोट कर गई थी कि कुछ समय के लिए उन्हें अपनी मां से नफरत सी हो गई थी। जया ने यह भी जिक्र किया कि एक बार उनकी मां ने गुस्से में उन्हें बाथरूम में बंद कर दिया था। ये अनुभव किसी भी बच्चे के लिए बेहद दर्दनाक हो सकते हैं, और इनके मानसिक घाव अक्सर सालों तक पीछा नहीं छोड़ते।
हालांकि, जया ने अपने इंटरव्यू में यह भी स्पष्ट किया कि जैसे-जैसे वह बड़ी होती गईं, उन्होंने अपनी मां की उस क्रूरता के पीछे के कारणों को समझना शुरू किया। उन्हें एहसास हुआ कि उनकी मां भी अपनी ज़िंदगी में कई कठिनाइयों और परिस्थितियों से जूझ रही थीं, और शायद वह अपनी भड़ास या फ्रस्ट्रेशन इस तरह बाहर निकालती थीं। अपनी मां को एक कठिन दौर से गुजरते देख, जया ने धीरे-धीरे उन्हें माफ कर दिया और उनके प्रति नफरत की भावना को खत्म किया।
यह कहानी दिखाती है कि कैसे बचपन के बुरे अनुभव वयस्कता में व्यक्ति के व्यक्तित्व और रिश्तों पर गहरा प्रभाव डालते हैं। जया भट्टाचार्य का यह खुलासा एक महत्वपूर्ण सबक देता है कि कैसे परिस्थितियाँ लोगों को मजबूर करती हैं, और माफी तथा समझ रिश्तों को हील करने में मदद करती हैं। आज, जया अपनी मां से बेहद प्यार करती हैं और उनका सम्मान करती हैं। यह कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने परिवार के भीतर दर्दनाक अनुभवों से गुजरे हैं, और यह रिश्तों में समझदारी और माफ करने के महत्व को दर्शाती है। जया की यह भावनात्मक कहानी न सिर्फ उनके संघर्षों को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि समय के साथ कैसे घावों को भरा जा सकता है और रिश्तों को पुनर्स्थापित किया जा सकता है।
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