कश्मीर घाटी में अब्दुल्ला परिवार का दबदबा कायम, बडगाम और नगरोटा में नेशनल कॉन्फ्रेंस की बड़ी जीत
News India Live, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में हुए महत्वपूर्ण उपचुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दोनों सीटों पर जीत का परचम लहरा दिया है। पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बडगाम विधानसभा सीट पर अपनी पकड़ बरकरार रखी, तो वहीं नगरोटा सीट पर पार्टी के उम्मीदवार ने पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) को करारी शिकस्त दी। ये नतीजे महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखे जा रहे हैं।
बडगाM में उमर अब्दुल्ला की आसान जीत
घाटी की सबसे हॉट सीटों में से एक बडगाम पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद मैदान में थे। मतगणना की शुरुआत से ही उमर अब्दुल्ला ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, पीडीपी के उम्मीदवार पर निर्णायक बढ़त बना ली थी। हर राउंड के साथ उनकी जीत का अंतर बढ़ता ही गया और अंत में उन्होंने आसानी से यह सीट अपने नाम कर ली। यह जीत न केवल उमर के व्यक्तिगत कद को और मजबूत करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि बडगाम के लोग आज भी अब्दुल्ला परिवार पर भरोसा करते हैं।
नगरोटा में भी NC ने मारी बाजी
बडगाम के अलावा, जम्मू संभाग की नगरोटा विधानसभा सीट पर भी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपना दबदबा दिखाया। यहां NC के उम्मीदवार ने पीडीपी के प्रत्याशी को एक करीबी मुकाबले में हराया। यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि पीडीपी इस सीट पर जीत की बड़ी उम्मीदें लगाए बैठी थी, लेकिन पार्टी की रणनीति सफल नहीं हो सकी।
पीडीपी के लिए आत्ममंथन का समय
एक समय पर घाटी की सबसे मजबूत पार्टी मानी जाने वाली पीडीपी के लिए यह नतीजे किसी खतरे की घंटी से कम नहीं हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पार्टी लगातार अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही है। महबूबा मुफ्ती ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन जनता का समर्थन हासिल करने में वे नाकाम रहीं। यह हार बताती है कि पीडीपी को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने और जनता के साथ अपने जुड़ाव को नए सिरे से स्थापित करने की सख्त जरूरत है।
इन उपचुनावों के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति में नेशनल कॉन्फ्रेंस एक बड़ी ताकत है और अब्दुल्ला परिवार का प्रभाव अभी भी कायम है।
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