यमुना का पानी या सियासत का जहर? आप ने CM को दी पीने की चुनौती, दिल्ली में मचा बवाल
News India Live, Digital Desk: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में छठ पूजा से ठीक पहले हवा और पानी की गुणवत्ता को लेकर सियासत अपने चरम पर है। एक ओर जहां दिल्ली सरकार साफ हवा और यमुना नदी की बेहतर स्थिति का दावा कर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने इन दावों को "सफेद झूठ" और "जनता के साथ धोखा" करार दिया है। 'आप' ने सरकार को सीधी चुनौती देते हुए कहा है कि अगर यमुना वाकई साफ हो गई है, तो मुख्यमंत्री और उनके मंत्री इसका पानी पीकर दिखाएं।
यह टकराव उस वक्त और बढ़ गया जब 'आप' के वरिष्ठ नेता और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज यमुना का पानी बोतल में भरकर मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए और उन्हें इसे पीने का न्योता दिया।
यमुना की सफाई: हकीकत या दिखावा?
दिल्ली सरकार का दावा है कि उसके प्रयासों से यमुना नदी में जहरीला झाग खत्म हो गया है और नदी की सफाई में अभूतपूर्व काम हुआ है। सरकार छठ पूजा पर श्रद्धालुओं को साफ घाट देने का वादा कर रही है।
लेकिन आम आदमी पार्टी इन दावों को सिरे से खारिज कर रही है। 'आप' ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं:
- केमिकल से झाग छिपाने का आरोप: 'आप' का कहना है कि सरकार झाग को खत्म नहीं कर रही, बल्कि उसे दबाने के लिए एक खास केमिकल का छिड़काव कर रही है। सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि विपक्ष में रहते हुए बीजेपी इसी केमिकल को "जहर" बताती थी।
- साफ पानी मिलाने का दावा: 'आप' का आरोप है कि छठ के दौरान यमुना को साफ दिखाने के लिए हरियाणा से नहर का साफ पानी नदी में छोड़ा जा रहा है, ताकि कुछ समय के लिए नदी साफ नजर आए और सरकार झूठी वाहवाही लूट सके।
- DPCC रिपोर्ट का हवाला: 'आप' ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा है कि यमुना का पानी नहाने लायक भी नहीं है, पीना तो बहुत दूर की बात है।
हवा की गुणवत्ता पर 'आंकड़ों की बाजीगरी'?
सिर्फ पानी ही नहीं, 'आप' ने दिल्ली की हवा की गुणवत्ता को लेकर भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 'आप' का कहना है कि सरकार "डेटा की चोरी" कर रही है और दिल्ली वालों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रही है कि हवा साफ हो गई है।
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि दिवाली जैसी रातों में जब प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, तो कई प्रदूषण निगरानी स्टेशन या तो बंद कर दिए जाते हैं या उनके आंकड़े छुपा लिए जाते हैं। इससे औसत AQI कम दिखाई देता है और सरकार अपनी झूठी कामयाबी का ढिंढोरा पीटती है। 'आप' ने इसे दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताया है।
इस सियासी जंग ने दिल्ली की जनता के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि हवा और पानी की सफाई के दावों में आखिर सच्चाई कितनी है।
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