Aadhaar Enrollment : बदलते बायोमेट्रिक्स का सवाल क्या हर बार अपडेट करना होगा बच्चों का आधार जानें नियम

Post

News India Live, Digital Desk: Aadhaar Enrollment :  आज के डिजिटल युग में आधार कार्ड हमारी पहचान का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन चुका है। बड़ों के लिए तो आधार को समय-समय पर अपडेट करना ज़रूरी होता ही है, लेकिन अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण UIDAI ने बच्चों के आधार कार्ड को लेकर एक बहुत ही अहम और विशेष निर्णय लिया है। यह निर्णय बच्चों के बायोमेट्रिक डाटा की लगातार बदलती प्रकृति को ध्यान में रखकर लिया गया है, ताकि उनके आधार कार्ड हमेशा नवीनतम और वैध बने रहें।

UIDAI के नए निर्देश के अनुसार, अब हर माता-पिता को अपने बच्चे का आधार कार्ड दो महत्वपूर्ण चरणों में अनिवार्य रूप से अपडेट कराना होगा। पहला अपडेट तब होगा जब बच्चा पांच साल का होगा, और दूसरा अपडेट तब जब वह पंद्रह साल का होगा। इन दो निश्चित उम्रों पर बच्चे के बायोमेट्रिक विवरण, जैसे कि उंगलियों के निशान (फिंगरप्रिंट) और आंखों की पुतलियों की स्कैनिंग (आइरिस स्कैन), को आधार कार्ड में फिर से अपडेट कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

दरअसल, बच्चों के फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन लगातार बदलते रहते हैं क्योंकि वे बढ़ रहे होते हैं। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उनकी उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों में महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है कि उनके आधार कार्ड में दर्ज बायोमेट्रिक जानकारी हमेशा उनके वर्तमान शारीरिक विकास के अनुरूप हो। यही कारण है कि UIDAI ने 5 साल और 15 साल की उम्र को इस बायोमेट्रिक अपडेट के लिए अनिवार्य किया है। इन उम्रों पर बच्चे के बायोमेट्रिक अपडेट होने के बाद ही उसका आधार कार्ड पूरी तरह से मान्य और प्रभावी माना जाएगा।

यहां एक राहत भरी बात यह भी है कि बच्चों के पहले आधार नामांकन (बाल आधार) और 5 साल की उम्र पर होने वाले बायोमेट्रिक अपडेट के लिए UIDAI ने एक खास सुविधा दी है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों का 'बाल आधार' तब बनवाया जा सकता है जब उनके माता-पिता के बायोमेट्रिक जानकारी का उपयोग किया जाए, क्योंकि छोटे बच्चों के बायोमेट्रिक निशान अस्थिर होते हैं। अच्छी खबर यह है कि 'बाल आधार' को 5 साल की उम्र तक सक्रिय रखने और 5 साल की उम्र पर इसे अपडेट कराने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह एक निशुल्क प्रक्रिया होगी, ताकि माता-पिता को अपने बच्चों के आधार अपडेट करने में किसी भी प्रकार की वित्तीय बाधा का सामना न करना पड़े।

UIDAI की इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों के लिए एक विश्वसनीय और जीवनभर के लिए वैध पहचान सुनिश्चित करना है। यह बच्चों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में भी मददगार होगा, जैसे स्कूल में दाखिला, छात्रवृत्तियां, और अन्य बाल-कल्याण से संबंधित सेवाएं। माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों के आधार को इन निर्धारित उम्रों पर अपडेट करवाना न भूलें, ताकि वे बिना किसी परेशानी के सभी आवश्यक लाभ उठा सकें और उनकी पहचान हमेशा सटीक बनी रहे।

--Advertisement--