A stop in International Economics: गीता गोपीनाथ ने छोड़ा IMF वापस लौटेंगी हार्वर्ड

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News India Live, Digital Desk: A stop in International Economics: वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में एक बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भूमिका निभाई है। अब उनके कार्यकाल का अंत निकट आ रहा है, और वह IMF में पहली उप प्रबंध निदेशक (First Deputy Managing Director - FDDM) के रूप में अपनी सेवाएं समाप्त कर हार्वर्ड विश्वविद्यालय के संकाय में वापसी करने वाली हैं। यह घोषणा आईएमएफ प्रबंधन द्वारा की गई है, जो उनके भविष्य के कदम की पुष्टि करती है।

गोपीनाथ का कार्यकाल इसी महीने से शुरू होने वाले आगामी वित्तीय वर्ष के साथ समाप्त होने वाला है, और उनका अंतिम कार्यदिवस कुछ महीनों के भीतर ही होगा। हालांकि, अभी तक आईएमएफ की तरफ से उनके अंतिम दिन या संभावित विदाई की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह पुष्टि हो चुकी है कि वह वापस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़ेंगी, जहाँ वह पहले भी प्रोफेसर थीं।

इससे पहले, गीता गोपीनाथ IMF में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में अपनी भूमिका निभा चुकी हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने वैश्विक आर्थिक विश्लेषण, नीतियों के निर्माण और सदस्य देशों को सलाह देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। बाद में, उन्हें संगठन में पहली उप प्रबंध निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया, जो आईएमएफ के इतिहास में एक महिला के लिए सर्वोच्च पदों में से एक है। इस भूमिका में उन्होंने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, नीतिगत प्रतिक्रियाओं और आईएमएफ के कार्यक्रमों के प्रबंधन में क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, जो कि आईएमएफ की प्रबंध निदेशक हैं, के साथ मिलकर काम किया।

गीता गोपीनाथ की वापसी हार्वर्ड के अर्थशास्त्र विभाग के लिए निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, जहाँ वह फिर से शिक्षण और शोध गतिविधियों में संलग्न होंगी। उनका व्यापक अनुभव और वैश्विक आर्थिक परिज्ञान उन्हें अकादमिक क्षेत्र में और भी समृद्ध बनाएगा। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था से उनका यह विदा लेना वैश्विक अर्थशास्त्रियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है, जहाँ उनके भावी योगदानों का इंतजार रहेगा।

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