आपके बच्चे के फोन में चल रही है आतंक की पाठशाला? झारखंड में सोशल मीडिया बना भर्ती का नया अड्डा

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News India Live, Digital Desk : जिस सोशल मीडिया का इस्तेमाल हम और आप देश-दुनिया से जुड़ने, मनोरंजन करने या दोस्तों से बात करने के लिए करते हैं, उसी का एक बेहद खतरनाक और स्याह चेहरा झारखंड में सामने आया है. यह एक ऐसी हकीकत है जो हर माता-पिता को चिंता में डाल सकती है. राज्य की पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला है कि नक्सली से लेकर ISIS और JMB (जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश) जैसे खूंखार आतंकी संगठन अब जंगलों और गुफाओं से निकलकर आपके-हमारे घरों में मौजूद सोशल मीडिया पर अपनी 'भर्ती' की दुकान चला रहे हैं.

अब लड़ाई हथियारों से ज्यादा विचारों की हो गई है, और इसका नया मैदान फेसबुक, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म बन गए हैं.

कैसे बिछाया जा रहा है यह 'डिजिटल जाल'?

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इन संगठनों का काम करने का तरीका बेहद शातिर है.

  • नक्सली संगठन: ये संगठन भोले-भाले आदिवासी युवाओं को लुभाने के लिए सोशल मीडिया पर अपने दबदबे और ताकत का प्रदर्शन करते हैं. वे अपने ट्रेनिंग कैंप, हथियारों और "क्रांति" से जुड़े भड़काऊ वीडियो और साहित्य पोस्ट करते हैं ताकि भटके हुए युवा इसे 'हीरोपंती' समझकर उनकी ओर आकर्षित हों.
  • ISIS और JMB: इन इस्लामिक आतंकी संगठनों का निशाना संथाल परगना के जिले जैसे- साहिबगंज, पाकुड़, देवघर, जामताड़ा और गोड्डा हैं. ये संगठन धर्म की आड़ में युवाओं का ब्रेनवॉश करते हैं. वे धर्म से जुड़ी कट्टरपंथी विचारधारा वाले वीडियो, संदेश और साहित्य को बंद ग्रुप्स में शेयर करते हैं और धीरे-धीरे युवाओं को समाज के खिलाफ नफरत से भर देते हैं.

इनका मुख्य निशाना बेरोजगार, अशिक्षित और आसानी से बहकावे में आने वाले नौजवान होते हैं. इन्हें पहले इन ग्रुप्स से जोड़ा जाता है और फिर धीरे-धीरे कट्टर बनाकर 'स्लीपर सेल' के तौर पर इस्तेमाल के लिए तैयार किया जाता है.

पुलिस ने कसी कमर, बनाई 'साइबर योद्धाओं' की टीम

इस नई और अदृश्य चुनौती से निपटने के लिए झारखंड पुलिस ने भी अपनी कमर कस ली है. पुलिस मुख्यालय के स्तर पर एक खास टीम बनाई गई है, जिसका काम 24 घंटे सोशल मीडिया पर चल रही इन देश-विरोधी गतिविधियों पर नजर रखना है.

इस टीम ने अब तक ऐसे सैकड़ों फेसबुक प्रोफाइल, व्हाट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चैनलों की पहचान की है, जिनका इस्तेमाल आतंकी विचारधारा को फैलाने के लिए किया जा रहा है. इन प्रोफाइल्स को चलाने वालों और उनसे जुड़े लोगों पर खुफिया नजर रखी जा रही है. हाल हीમાં अल-कायदा के आतंकी कलीमुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद ही एजेंसियों को संथाल परगना में JMB और ISIS के इस सोशल मीडिया नेटवर्क की गहराई का पता चला था.

यह एक ऐसी लड़ाई है जो सिर्फ पुलिस नहीं लड़ सकती. इसके लिए समाज और खासकर माता-पिता को भी जागरूक होना पड़ेगा और यह देखना होगा कि कहीं उनका बच्चा इस डिजिटल दुनिया के अंधेरे में किसी गलत रास्ते पर तो नहीं जा रहा.

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