रेड लाइट एरिया में फिल्म की शूटिंग के दौरान एक मशहूर अभिनेत्री पर हमला हुआ
1957 में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'प्यासा' भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह फ़िल्म रिलीज़ होते ही हिट हो गई और टाइम मैगज़ीन की 100 महानतम फ़िल्मों की सूची में शामिल हो गई। उस समय के सुपरस्टार दिलीप कुमार इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले थे। लेकिन किन्हीं कारणों से उनके साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए, इसलिए फ़िल्म के निर्देशक गुरु दत्त ने ख़ुद मुख्य भूमिका निभाई। यह उनके करियर की एक बड़ी सफलता साबित हुई।
'प्यासा' कोई रोमांटिक या दुखद फिल्म नहीं थी, बल्कि इसमें समाज के सबसे निचले तबके के लोगों की मुश्किलों को बेहद आकर्षक ढंग से दिखाया गया था। फिल्म की कहानी, संवाद और गानों ने लोगों के मन पर गहरी छाप छोड़ी। इस फिल्म के कुछ दृश्य और एक खूबसूरत गाना 'जाने क्या तूने कहीं' कोलकाता की रेड स्ट्रीट पर फिल्माया गया था। गुरु दत्त इस दृश्य को पूरी तरह से वास्तविक रूप में दिखाना चाहते थे। इसलिए, वे शूटिंग के लिए टीम के साथ कोलकाता की रेड स्ट्रीट गए।
रेड लाइट एरिया में आने वाली चुनौतियाँ:
हालाँकि, यह फैसला गुरु दत्त को बहुत महंगा पड़ा। 'जाने क्या तूने कहीं' गाने की शूटिंग के दौरान, वहीदा रहमान का लाल गली में चलने का एक दृश्य फिल्माया गया था। लेकिन इलाके के बिचौलियों को लगा कि कैमरे की मौजूदगी उनके इलाके को निशाना बना रही है। इससे गुस्साए उन्होंने गुरु दत्त की टीम पर हमला कर दिया। हालात बिगड़ते देख गुरु दत्त और उनकी टीम को वह जगह छोड़नी पड़ी।
हालाँकि फिल्म 'प्यासा' को शुरुआत में लोगों का ज़्यादा प्यार नहीं मिला, लेकिन समय के साथ यह एक कल्ट क्लासिक बन गई। गुरु दत्त के निर्देशन और नायक की भूमिका के कुशल संचालन ने इस फिल्म को अविस्मरणीय बना दिया। हालाँकि दिलीप कुमार इस फिल्म से बाहर थे, लेकिन गुरु दत्त के इस साहसिक कार्य ने फिल्म जगत में उनका नाम और ऊँचा कर दिया। इस फिल्म की सफलता, इसकी कहानी, संगीत और दृश्य आज भी सिनेमा प्रेमियों के जेहन में ज़िंदा हैं।
फिल्म के एक सीन में वहीदा रहमान 45 साल के अंतर वाले अभिनेता के साथ बोल्ड सीन में नज़र आईं। 'प्यासा' सिर्फ़ एक फिल्म नहीं, एक काव्यात्मक कृति है जो उस ज़माने के सामाजिक यथार्थ को दर्शाती है।
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