Indian Politics : मोहन भागवत के बयान पर निशिकांत दुबे का दो टूक जवाब बोले 75 साल पर हो जानी चाहिए रिटायरमेंट

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News India Live, Digital Desk: Indian Politics :  हाल ही में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत के एक बयान ने सियासी गलियारों में खूब हलचल मचाई है। उन्होंने कहा था कि हर कोई 75 साल का होने के बाद सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए, जिसका सीधा इशारा शायद उन नेताओं की ओर था जो इस आयु के बाद भी प्रमुख पदों पर बने हुए हैं। इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी बेबाक राय रखते हुए इसे सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़ दिया है।

निशिकांत दुबे ने मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी बात सही है और नेताओं को 75 साल की उम्र पर 'रिटायर' हो जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने इस नियम को 'नरेंद्र मोदी' पर लागू करने से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 'आज भारत को मोदी चाहिए, कल मोदी को भारत नहीं चाहिए।' इस कथन से उनका आशय था कि वर्तमान में देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम और मजबूत नेतृत्व की अत्यधिक आवश्यकता है, और उनकी भूमिका को केवल आयु के पैमाने से नहीं देखा जा सकता।

यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय 73 वर्ष के हैं। अगर मोहन भागवत के नियम को कड़ाई से लागू किया जाए तो दो साल बाद, 2026 में, उन्हें सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए, जबकि प्रधानमंत्री मोदी का मौजूदा कार्यकाल 2029 तक है। निशिकांत दुबे का यह बचाव बताता है कि भाजपा अभी भी प्रधानमंत्री मोदी को एक अपरिहार्य नेता मानती है और उनकी उपस्थिति को पार्टी के चुनावी भाग्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानती है।

यह प्रतिक्रिया इस बात का भी संकेत देती है कि भले ही संघ एक आदर्श सिद्धांत के रूप में आयु-सीमा की बात करे, लेकिन चुनावी रणनीति और सत्ता के समीकरण में ऐसे आदर्श हमेशा व्यवहारिक नहीं होते। निशिकांत दुबे ने एक तरह से पार्टी की मौजूदा रणनीति और नेतृत्व पर अपनी पूरी आस्था व्यक्त की है। उनका बयान साफ करता है कि भाजपा के लिए नरेंद्र मोदी केवल एक नेता नहीं, बल्कि पार्टी का भविष्य, उसका ब्रांड और सबसे बड़ा चुनावी हथियार हैं, जिन्हें किसी आयु-सीमा के बंधन में बांधा नहीं जा सकता।

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