जब हम 20 की उम्र में होते हैं, तो हमें लगता है कि हमारा शरीर पूरी तरह से स्वस्थ और ऊर्जावान है, इसलिए हम अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन युवा अवस्था में की गई लापरवाही आगे चलकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
विशेष रूप से महिलाओं के लिए यह समय शारीरिक और हार्मोनल बदलावों का होता है, जो उनके भविष्य के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए इस उम्र में कुछ जरूरी हेल्थ टेस्ट कराना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, जिससे किसी भी बीमारी का समय पर पता लगाया जा सके और आगे की जटिलताओं से बचा जा सके।
अगर आप स्वस्थ जीवन जीना चाहती हैं, तो 20s में ये 5 हेल्थ टेस्ट जरूर करवाएं।
1. बीएमआई टेस्ट (Body Mass Index – BMI Test)
बीएमआई (BMI) यानी बॉडी मास इंडेक्स यह बताता है कि आपका वजन आपकी हाइट के अनुसार सही है या नहीं।
क्यों जरूरी है?
हार्मोनल बदलाव: 20 की उम्र के बाद शरीर में हार्मोन में बदलाव तेजी से होने लगते हैं।
वजन नियंत्रण: अधिक या कम वजन अनगिनत स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
मेटाबॉलिज्म का प्रभाव: इस उम्र में मेटाबॉलिज्म की दर बदलने लगती है, जिससे वजन बढ़ने या घटने की संभावना बढ़ जाती है।
कैसे करवाएं?
बीएमआई निकालने के लिए आपका वजन (Kg) आपकी हाइट (m²) से विभाजित किया जाता है।
- 18.5 से कम → अंडरवेट
- 18.5-24.9 → नॉर्मल
- 25-29.9 → ओवरवेट
- 30 से ज्यादा → मोटापा
अगर आपका BMI नॉर्मल से ज्यादा या कम है, तो आपको अपने डाइट और लाइफस्टाइल पर ध्यान देना चाहिए।
2. पैप स्मियर टेस्ट (Pap Smear Test)
पैप स्मियर टेस्ट महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) कैंसर और एचपीवी (HPV) वायरस की मौजूदगी का पता लगाने में मदद करता है।
क्यों जरूरी है?
गर्भाशय कैंसर से बचाव: यह गर्भाशय कैंसर की शुरुआती स्टेज में पहचान कर उसे रोकने में मदद करता है।
एचपीवी संक्रमण की जांच: अगर कोई महिला यौन रूप से सक्रिय है, तो उसे यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए, क्योंकि एचपीवी वायरस यौन संचारित संक्रमणों (STIs) में से एक है।
कब करवाएं?
🔹 पहली बार 21 साल की उम्र के बाद कराएं।
🔹 इसके बाद हर 3 साल में एक बार करवाना चाहिए।
अगर समय पर यह टेस्ट करवाया जाए, तो गर्भाशय कैंसर से बचाव संभव है।
3. ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (Breast Examination)
20s में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है, लेकिन भविष्य में यह बढ़ सकता है। इसलिए ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करवाना बेहद जरूरी है।
क्यों जरूरी है?
स्तन कैंसर की पहचान: अगर ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ, दर्द, असामान्य बदलाव महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
साल में एक बार जांच: हर महिला को साल में कम से कम एक बार डॉक्टर से ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करवाना चाहिए।
खुद से जांच (Self-Examination):
- अपने हाथ से ब्रेस्ट को हल्के दबाकर किसी भी असामान्यता को महसूस करें।
- कोई भी बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
अगर परिवार में पहले से किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो, तो इस जांच को और भी गंभीरता से लेना चाहिए।
4. हेपेटाइटिस B और C टेस्ट (Hepatitis B & C Test)
हेपेटाइटिस B और C ऐसे वायरस हैं जो लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं और समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
क्यों जरूरी है?
लीवर की सेहत जानने के लिए:
- अगर लीवर खराब हो रहा हो, तो शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते।
संक्रमण का पता लगाने के लिए: - संक्रमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन, असुरक्षित संबंध या दूषित सुइयों से संक्रमण फैल सकता है।
अगर जल्दी पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है।
कब करवाएं?
🔹 अगर आप संक्रमित खून या किसी जोखिम भरे वातावरण में रही हैं, तो यह टेस्ट जरूर करवाएं।
🔹 हर 3-5 साल में एक बार इसे चेक कराना अच्छा रहता है।
अगर इस बीमारी का जल्दी पता लग जाए, तो दवाओं और लाइफस्टाइल सुधार से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
5. पीसीओडी / पीसीओएस टेस्ट (PCOD / PCOS Test)
पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) और पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) दोनों ही महिलाओं की हार्मोनल समस्या हैं, जो कम उम्र से ही स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं।
क्यों जरूरी है?
पीरियड्स की अनियमितता: अगर आपके पीरियड्स नियमित नहीं आ रहे हैं, तो यह पीसीओएस का संकेत हो सकता है।
वजन बढ़ना और मुंहासे:
- अचानक वजन बढ़ना, चेहरे पर अनचाहे बाल और मुंहासे भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
भविष्य की प्रजनन क्षमता पर असर: - अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह भविष्य में गर्भधारण में समस्या पैदा कर सकता है।
कब करवाएं?
🔹 अगर पीरियड्स अनियमित हैं, ज्यादा बाल झड़ रहे हैं या मुंहासे ज्यादा हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
🔹 इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह डायबिटीज और हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।