झारखंड में खुलेंगे 4 नए मेडिकल कॉलेज, केंद्र सरकार से मिली हरी झंडी
News India Live, Digital Desk : झारखंड के उन हज़ारों युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी और अच्छी ख़बर आई है जो डॉक्टर बनकर राज्य की सेवा करने का सपना देखते हैं. केंद्र सरकार ने झारखंड में चार नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है. यह फैसला न सिर्फ राज्य में मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए दरवाज़े खोलेगा, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा.
इस मंजूरी के साथ ही, राज्य में एमबीबीएस (MBBS) की 400 नई सीटें बढ़ जाएंगी, क्योंकि हर नए मेडिकल कॉलेज में 100 सीटें होंगी.
कहां और कैसे खुलेंगे ये कॉलेज?
यह चारों नए मेडिकल कॉलेज केंद्र सरकार की एक विशेष योजना के तहत खोले जा रहे हैं, जिसका लक्ष्य देश के उन जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करना है, जहां अभी तक यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. इस योजना का मकसद स्वास्थ्य सुविधाओं और मेडिकल शिक्षा के असंतुलन को दूर करना है.
खर्च कौन उठाएगा?
इन कॉलेजों को बनाने में आने वाले खर्च को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाएंगी. यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (Centrally Sponsored Scheme) है, जिसके तहत:
- 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी.
- 40 प्रतिशत खर्च झारखंड की राज्य सरकार वहन करेगी.
इस फैसले से झारखंड को क्या फायदा होगा?
- डॉक्टरों की कमी होगी दूर: झारखंड लंबे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. 400 नई सीटों का मतलब है कि आने वाले सालों में राज्य को 400 नए डॉक्टर मिलेंगे, जिससे सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा.
- युवाओं को अपने ही राज्य में मौका: अब तक झारखंड के कई छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता था. नए कॉलेज खुलने से उन्हें अपने ही प्रदेश में रहकर डॉक्टर बनने का मौका मिलेगा.
- बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं: जहां भी मेडिकल कॉलेज खुलता है, उसके साथ एक बड़ा अस्पताल भी जुड़ा होता है. इससे न सिर्फ उस जिले, बल्कि आसपास के कई जिलों के लोगों को भी बेहतर और विशेषज्ञ इलाज की सुविधा मिल सकेगी.
- रोजगार के नए अवसर: कॉलेज और अस्पताल बनने से सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, बल्कि नर्सिंग स्टाफ, तकनीशियन, और अन्य सहयोगी कर्मचारियों के लिए भी हज़ारों नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.
राज्य सरकार अब इन कॉलेजों के लिए ज़मीन की पहचान और दूसरी औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया में तेजी लाएगी. यह फैसला निश्चित रूप से झारखंड के भविष्य के लिए एक बड़ा और सकारात्मक कदम है.
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